नयी दिल्ली:हिंदू समूहों के कार्यकर्ताओं ने बजरंग दल के एक स्थानीय नेता के कार्यालय के बाहर ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता यू आर अनंतमूर्ति के निधन का जश्न मनाया. उनके निधन पर शुक्रवार को पटाखे जलाये गए.
वे संघ और बीजेपी विरोधी विचारों के लिए जाने जाते रहे है. पुलिस के मुताबिक कार्यकर्ताओं ने नकाब पहना हुआ था ताकि उनको पहचाना ना जा सके. कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ नारे भी लगाए थे.
अनंतमूर्ति ने लोकसभा चुनावों के दौरान कहा था कि यदि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनते हैं तो वो देश छोड़ देंगे. इस बात पर विवाद हो गया था जिसके बाद उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि यह बात उन्होंने भावना में बहकर कही थी.
* राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
बेंगलुरु यूनिवर्सिटी के ज्ञान भारती परिसर के कलाग्राम में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच 15 पुजारियों के समूह ने ब्राह्मणवादी परंपराओं के मुताबिक पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया. बेटे शरत ने उन्हें मुखाग्नि दी.
इस मौके पर उनकी पत्नी एस्थर, बेटी अनुराधा, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, राज्य के मंत्री, राजनीतिक, साहित्यिक और फिल्मी जगत की हस्तियां मौजूद थे. रविंद्र कलाक्षेत्र में अनंतमूर्ति के लिए हिंदू, मुसलिम और ईसाई समुदाय के लोगों ने प्रार्थना की. सरकार ने शनिवार को अपने कार्यालयों और शैक्षिक संस्थानों में छुट्टी की घोषणा की है.