पटना: सरकार ने बैंकों को अपने कामकाज में सुधार लाने की कड़ी चेतावनी दी है. राज्य के विकास में भागीदार बनने को लेकर किसी भी प्रकार की कोताही बरतने से मना किया है.
राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की बुधवार को हुई बैठक में वित्त मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि बैंकों को दिये गये लक्ष्य को हर हाल में पूरा करना होगा. मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की 150 और राज्य सरकार की 50 योजनाएं बैंक के सहयोग के बिना पूरी नहीं की जा सकती हैं. स्थानीय होटल चाणक्या में पत्रकारों के समक्ष उन्होंने रघुराजन कमेटी की उस बात को दोहराया, जिसमें उसके अध्यक्ष ने कहा था कि बिहार, ओडिशा के बाद दूसरा सबसे बड़ा गरीब राज्य है. उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को कहा था कि प्रत्येक परिवार में दो बैंक खाते होने चाहिए. लेकिन, अब निर्देश एक बैंक खाते का आया है. अब भी बिहार की आधी आबादी के पास कोई बैंक खाता नहीं है.
अगले साल 15 अगस्त से पहले राज्य के सभी लोगों को अपना बैंक खाता होगा, इसके लिए कैंप लगाया जायेगा. बैंकों को निर्धारित समय पर आवेदनों के निष्पादन की हिदायत दी. बैंकों में सुरक्षा के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो हमारे लिए अच्छा करेंगे, उन्हीं को हम सुरक्षा देंगे. वित्त विभाग के प्रधान सचिव रामेश्वर सिंह ने भी संबोधित किया.
पशुपालन मंत्री बैद्यनाथ सहनी ने कहा कि बैंकों की वजह से गरीबों की 80 प्रतिशत योजनाएं पूरी नहीं होती हैं. इसे गंभीरता से लेने की आवश्यकता है. उद्योग मंत्री डॉ भीम सिंह ने भी बैंक अधिकारियों से कहा कि बेरोजगारी देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बन रहा है.