सिलीगुड़ी: चालू वर्ष में ही लोगों को डिजिटल राशन कार्ड मिलने लगेगा. आम जनता को और अच्छी परिसेवा देने के साथ ही दलाल व जालसाजी रोकने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने डिजिटल राशन कार्ड बनाने की पहल शुरू की है. लोगों को सही तरीके से राशन कार्ड मिले, इसके लिए राज्य के प्रत्येक प्रखंड खाद्य दफ्तर में अलग से एक विभाग चालू किया गया है. डिजिटल राशन कार्ड जारी करने के लिए इन विभागों में ऑन लाइन व्यवस्था की गयी है.
इसके लिए प्रखंड व जिला ही नहीं, बल्कि राज्य खाद्य भवन में भी ऑन लाइन परिसेवा शुरू की गयी है. इसी वर्ष से इन विभागों के चालू हो जाने का दावा राज्य के खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने किया है. उन्होंने कहा कि इस परियोजना के लिए 15.35 करोड़ रुपये राज्य सरकार ने आवंटित किया है. इन विभागों की ढांचागत व्यवस्था से लेकर सभी अत्याधुनिक सुविधाओं के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है. उन्होंने स्वीकार किया कि वाम शासनकाल से ही खाद्य दफ्तरों में भ्रष्टाचार व अनियमितता व्याप्त है. साधारण जनता को नये राशन कार्ड बनाने से लेकर कार्ड स्थानांतरित करवाने के लिए सिर्फ परेशानियां ही नहीं, बल्कि जेब भी ढीली करनी पड़ती है. श्री मल्लिक ने कहा कि सत्ता परिवर्तन के बाद से ही खाद्य दफ्तरों में भ्रष्टाचार व अनियमितता पर काफी हद तक लगाम लग चुका है.
डिजिटल राशन कार्ड प्रक्रिया शुरू होने से भ्रष्टाचार व अनियमितता पूरी तरह समाप्त हो जायेगी. उन्होंने बताया कि राज्य के सभी 341 प्रखंडों के बीडीओ दफ्तर के परिसर में ही एक ही मॉडल के रूप में इस विभाग को तैयार किया जा रहा है. प्रत्येक विभाग को तीन लाख रुपये मुहैया करायी जाएगी. इसके अलावा कंप्यूटर समेत अन्य आवश्यक सामानों के लिए और डेढ़ लाख रुपये अतिरिक्त इन विभागों को दिया जायेगा. श्री मल्लिक ने बताया कि प्रत्येक विभागों के लिए तीन इंस्पेक्टर, एक डेटा एंट्री ऑपरेटर एवं एक कर्मचारी की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है. अक्तूबर महीने में ही 1133 इंस्पेक्टों की नियुक्ति की जा रही है. अभी तक 120 डेटा एंट्री ऑपरेटरों की नियुक्ति की जा चुकी है और 246 ऑपरेटर लिये जायेंगे.