इसलामाबाद: पाकिस्तान में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ सरकार के खिलाफ जारी प्रदर्शन में नया मोड आ गया है. धर्मगुरु ताहिर उल कादरी और इमरान खान दो धड़ों में बंट गये हैं. ताहिर उल कादरी जहां सरकार के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं वहीं इमरान खान शरीफ के इस्तीफे तक किसी से बातचीत नहीं करने के अपने रुख पर अडिग हैं.
इस बीच, पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने संसद का घेराव करने के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई की खातिर इन दोनों नेताओं को अपने समक्ष हाजिर होने के लिए समन भेजा. माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के रुख में अंतर का कारण देश की सेना द्वारा इस संकट का शांतिपूर्ण हल निकालने का आह्वान है. हालांकि खान ने कहा कि वह प्रदर्शनों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करेंगे.
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल रहील शरीफ ने आज प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सरकार से कहा कि वह संसद भवन के बाहर जारी व्यापक विरोध प्रदर्शन को समाप्त करने के लिए प्रदर्शनकारियों के साथ सार्थक बातचीत करें. कल रात आठ बजे शरीफ के आवास में घुसने की धमकी देने वाले पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के प्रमुख खान ने अदालत में आज होने वाली सुनवाई को ध्यान में रखते हुए अपने समर्थकों को संबोधित किया. क्रिकेट की दुनिया से राजनीति में आए इमरान खान के इस कदम के बारे में पर्यवेक्षकों मानना है कि इससे उन्हें खुद की साख बचाने का रास्ता मिल सकता है.
खान ने कहा, नवाज शरीफ, सुनिये हमने आपसे बातचीत करने का फैसला किया है, लेकिन बातचीत आपके इस्तीफे के बाद शुरु होगी. नवाज शरीफ के नेतृत्व में जांच पारदर्शी कैसे हो सकती है? उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने सरकार के साथ बातचीत करने के लिए एक समिति बनाई है लेकिन जब तक प्रधानमंत्री इस्तीफा नहीं दे देते, तब तक समिति एक कदम भी आगे नहीं बढाएगी.
पाकिस्तान तहरीक ए इन्साफ के नेता ने कहा जब तक नवाज शरीफ इस्तीफा नहीं देंगे, मैं इस जगह से नहीं जाउंगा. खान ने कहा आप इस्तीफा दीजिये, एक स्वतंत्र समिति बने जो (धांधली की) जांच करे, हम फिर आगे बढ सकेंगे. पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के प्रमुख इमरान खान ने बातचीत के लिए छह सूत्री मांगों का एक फार्मूला पेश किया है. इन मांगों में शरीफ का इस्तीफा, फिर से आम चुनाव, चुनाव कानूनों में सुधार, तटस्थ कार्यवाहक सरकार, नया निर्वाचन आयोग और पिछले साल संपन्न चुनावों में धांधली के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा शामिल है.
उन्होंने पहले कहा था कि वह कल शाम प्रधानमंत्री आवास में घुस जाएंगे. इस समयसीमा को रद्द करते हुए खान ने कहा शरीफ को दिल की समस्या है और मैं नहीं चाहता कि उनके आवास में घुस कर हम समस्या बढाएं.विश्लेषकों का कहना है कि खान ने अपने संबोधन में अपना रुख नर्म होने के संकेत दिए.
सत्तारुढ पीएमएल…एन के एक करीबी सूत्र ने बताया कि इससे पहले सेना प्रमुख ने सभी पक्षों से इस संकट के हल के लिए सार्थक बातचीत करने का आह्वान किया. पीएमएल…एन के एक नेता ने प्रेस ट्रस्ट से कहा ऐसा लगता है कि खान को संदेश मिल गया. बातचीत की शुरुआत वास्तव में संकट के अंत की शुरुआत हो सकती है.
सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच बर्फ पिघलने के पहले संकेत के तौर पर शरीफ ने चार सदस्यीय एक दल पाकिस्तानी अवामी तहरीक :पीएटी: के नेता कादरी के पास एक समझौते पर बातचीत के लिए भेजा. कादरी ने इस बातचीत के सफल होने के बारे में कोई गारंटी देने से इनकार किया लेकिन कहा कि उन्होंने कभी बातचीत का वरोध नहीं किया. सरकार की समिति के साथ बातचीत में पीएटी अपनी मुख्य मांगों में से एक पर कायम रही कि मॉडल टाउन घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के दायरे में लाया जाए.
इस बीच नवाज शरीफ ने कल नेशनल असेंबली को संबोधित करने का फैसला किया है. समझा जाता है कि वह देश और सांसदों को संकट के इस दौर में विश्वास में लेना चाहते हैं. कादरी के पास भेजे गये दल में फ्रंटिंयर क्षेत्र के मंत्री कादरी बलूच, रेल मंत्री साद रफीक, विपक्ष के नेता इजाजुल हक तथा हैदर अब्बास रिजवी शामिल थे. बाद में रफीक की जगह विकास मंत्री अहसान इकबाल को शामिल किया गया क्योंकि कादरी को रफीक के शामिल होने पर आपत्ति थी. रिजवी ने उम्मीद जताई कि यह संकट बातचीत के जरिये दूर हो जाएगा.
यह कदम तब उठाया गया जब उच्च सुरक्षा वाले रेड जोन में प्रदर्शनकारियों द्वारा नियम तोडने के बाद सेना ने शांति का आहवान किया. रेड जोन में संसद भवन, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के आवास, सुप्रीम कोर्ट और दूतावास स्थित हैं.
सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल असीम सलीम बाजवा ने ट्वीट किया, स्थिति की दरकार है कि व्यापक राष्ट्रीय एवं जनहित में सार्थक वार्ता के जरिये मौजूदा गतिरोध का समाधान निकालने के लिए सभी पक्षों द्वारा धैर्य, बुद्धिमत्ता और दूरदर्शिता दिखायी जाये. खान के हवाले से डान न्यूज ने कहा कि शरीफ पाकिस्तान के हुस्नी मुबारक हैं और उन्होंने आरोप लगाया कि शरीफ ने लाहौर के माडल टाउन में निर्दोष लोगों की हत्या करवाई. उनका संकेत जून में कादरी के 14 समर्थकों की हत्या की ओर था.
खान ने पीएमएल…एन के कार्यकर्ताओं पर कुरैशी के मुल्तान स्थित आवास पर हमले के लिए नाराजगी भी जाहिर की. उन्होंने कहा कि पिछले साल संपन्न चुनावों में धांधली के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के दायरे में लाया जाना चाहिए. पाकिस्तान तहरीके इंसाफ प्रमुख खान ने कहा नवाज शरीफ जनता के गुस्से के डर से सेना के पीछे छिप गए हैं. उन्होंने शरीफ पर तंज कसा और कहा कि अगर उनमें साहस है तो वह इस्तीफा दें और अगले चुनाव में लोगों का सामना करें. खान ने कहा (काहिरा के) तहरीर स्क्वायर की तरह ही यह (डी चौक) आजादी स्क्वायर है. इससे पहले उन्होंने कहा था कि वह पिछले साल आम चुनाव में कथित धांधली के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे.
पूर्व में पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के नेता शाह महमूद कुरैशी ने कहा था हमने तय किया है कि सरकार के साथ तत्काल कोई बातचीत नहीं करेंगे. कुरैशी ने कहा, पार्टी ने तय किया है कि सबसे पहली और बडी शर्त यह है कि प्रधानमंत्री इस्तीफा दें और जब तक उनका इस्तीफा नहीं आता, तब तक कोई बातचीत शुरु नहीं होगी.
जियो टीवी की खबर में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई शाहबाज शरीफ ने रावलपिंडी में सेना प्रमुख जनरल रहील शरीफ से एक बार फिर मुलाकात की जिसके बाद कादरी के साथ बातचीत शुरु हुई. प्रधानमंत्री आवास में घुसने की प्रदर्शनकारियों की धमकी से दबाव में आए शरीफ ने सरकार विरोधी प्रदर्शन समाप्त करने की कोशिश में खान से आज मिलने का फैसला किया. बहरहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि उनकी मुलाकात कहां होगी. एक ओर जहां राजधानी में यह घटनाक्रम हुआ वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान की संसद के निचले सदन के सत्र का आयोजन किया गया जिसमें शरीफ शामिल हुए.