पटनाः पार्टी के प्रति वफादारी और परिवार के रिश्तों के बीच फंसे भाजपा विधायक विनय कुमार सिंह बिहार में 21 अगस्त को होने वाले विधानसभा उपचुनाव के पहले सारण जिले से बाहर समस्तीपुर चले गये हैं.
सोनपुर विधानसभा क्षेत्र से एमएलए रहे श्री सिंह के दामाद रणधीर सिंह को आरजेडी ने छपरा क्षेत्र से टिकट दे दिया है. जेडीयू और कांग्रेस ने भी रणधीर सिंह की छपरा से उम्मीदवारी का समर्थन किया है. जब भाजपा-जेडीयू में गठबंधन था उस वक्त विनय कुमार सिंह ने आरजेडी प्रमुख लालू की पत्नी राबडी देवी को सोनपुर से हराया था. भाजपा ने महाराजगंज सीट से कन्हैया सिंह को उम्मीदवार बनाया है. यह सीट जनार्दन सिंह सिगरीवाल के सांसद चुने जाने के बाद खाली हुआ है. सिगरीवाल ने हाल में ही संपन्न लोकसभा चुनाव में महाराजगंज से प्रभुनाथ सिंह को हराया था. रणधीर सिंह आरजेडी के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के बेटे हैं.
अब विनय सिंह के समक्ष यह विडंबना है कि वह पार्टी को देखे या फिर अपनी दामाद को. उनके दामाद जेडीयू-आरजेडी और कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार हैं जो भाजपा के खिलाफ बना एक गठबंधन है. इसलिए अगर वह भाजपा का प्रचार करते हैं तो वह सीधे-सीधे अपने दामाद के खिलाफ प्रचार करना होगा. दूसरी ओर अगर वह दामाद को तबज्जो देते हैं तो उन्हें पार्टी के कोपभाजन का शिकार होना पडेगा. ऐसे में उन्होंने इसका हल ढूढते हुए चुनाव तक उस क्षेत्र को ही छोडकर समस्तीपुर रवाना हो गये हैं. समस्तीपुर के मोहीउद्दीन नगर विधानसभा क्षेत्र में भी 21 अगस्त को उपचुनाव होने वाले हैं.
जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि उनके परिवार और समर्थक भाजपा के लिए काम कर रहें हैं या फिर आपके दामाद के लिए. इस पर श्री सिंह ने कहा कि यह प्रजातंत्र है और यहां सब यह सोंचने के लिए स्वतंत्र है कि क्या उचित है और किसको वोट दिया जाना चाहिए.