लखनऊ : नेपाल की नदियों में आये सैलाब के कारण चार दिन पहले बांधों से पानी छोड़े जाने की वजह से उत्तर प्रदेश के अनेक जिलों में हाहाकार मचा हुआ है. सैलाब से लाखों की आबादी प्रभावित है.
पिछले 24 घंटे के दौरान बाढ़जनित हादसों में 20 और लोगों की मौत के साथ सूबे में ऐसी दुर्घटनाओं में मरनेवालों की संख्या 48 हो गयी है. भीषण बाढ़ की वजह से बौद्ध परिपथ समेत अनेक सड़क मार्ग बंद कर दिये गये हैं. साथ ही कई रेल मार्ग प्रभावित होने की वजह से ट्रेनों के आवागमन पर असर पड़ा है.
बहराइच से मुख्य राजस्व अधिकारी यूएस उपाध्याय के हवाले से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक, जिले की 211 ग्राम पंचायतों के 1218 मजरों (उपग्राम) की साढ़े तीन लाख की आबादी प्रभावित है. लगभग 30 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, बाढ़ पीएसी, सशस्त्र सीमा बल, पुलिस, राजस्वकर्मी तथा समाजसेवी संगठनों की मदद से राहत और बचाव कार्य तेजी से किया जा रहा है. दो हेलीकॉप्टर राहत सामग्री बांटने, दुरूह स्थानों पर फंसे लोगों को निकालने में जुटे हैं.
सरयू का जलस्तर घटा, घाघरा का रौद्र रूप बरकरार : सरयू का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया है, लेकिन घाघरा अब भी लाल निशान से डेढ़ मीटर ऊपर बह रही है.
एक हफ्ते स्कूल बंद : बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्कूल एक हफ्ते के लिए बंद कर दिये गये हैं. महराजगंज के तराई इलाके में एनडीआरएफ तैनात किये गये हैं.