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इंतजार खत्म: पटना मास्टर प्लान का प्रारूप जारी दो माह तक सुझाव दे सकेंगे नागरिक

पटना: नगर विकास विभाग ने पटना महानगर के मास्टर प्लान के प्रारूप को जनता के सुझाव के लिए जारी कर दिया है. इस पर दो माह तक जनता से आपत्ति और सुझाव मांगे गये हैं. होटल पाटलिपुत्र में आयोजित समारोह में मास्टर प्लान के प्रारूप को नगर विकास मंत्री सम्राट चौधरी ने जारी किया. मास्टर […]

पटना: नगर विकास विभाग ने पटना महानगर के मास्टर प्लान के प्रारूप को जनता के सुझाव के लिए जारी कर दिया है. इस पर दो माह तक जनता से आपत्ति और सुझाव मांगे गये हैं. होटल पाटलिपुत्र में आयोजित समारोह में मास्टर प्लान के प्रारूप को नगर विकास मंत्री सम्राट चौधरी ने जारी किया. मास्टर प्लान में पुराने व नये शहर के साथ ही एग्रीकल्चर व इंडस्ट्री जोन समेत अन्य क्षेत्र चिह्न्ति किये गये हैं.

इसमें छह नगर निकायों पटना, फुलवारीशरीफ, दानापुर, खगौल, फतुहा व मनेर का क्षेत्र शामिल किया गया है. इसे अधिक-से-अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए छह नगर निकायों के अलावा और अधिक काउंटर बनाये जायेंगे, जहां लोग मास्टर प्लान को देख आपत्ति व सुझाव सरकार को भेजेंगे. नये बिल्डिंग बाइलॉज में प्रावधान है कि ढाई कट्ठे तक की जमीन पर निर्माण के लिए नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं होगी. मंत्री ने बताया कि अब सरकार का ध्यान बिल्डिंग बाइलॉज बनाने पर है.

नागरिक सुविधाएं बढ़ाने पर जोर : विकास आयुक्त एस के नेगी ने कहा कि बिहार की शहरी आबादी कम है. यहां नगरों में भी सुविधाएं कम हैं. शहरों में बस सेवा, पेयजल और सफाई की व्यवस्था हो, तो लोग शहरों में बसने के लिए आकर्षित होंगे. उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में लगे लोग गैर कृषि क्षेत्र की ओर तभी आकर्षित होंगे, जब शहरों में नागरिक सुविधाएं बढ़ायी जायें. नगर विकास सचिव संदीप पौंड्रिक ने बताया कि पटना का पहला मास्टर प्लान 1951 में बना था, जिसकी अवधि 1981 तक थी. उसके बाद कोई मास्टर प्लान नहीं बना. पीआरडीए का बना प्लान भी अधिसूचित नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि मास्टर प्लान की कॉपी तीन स्थानों पर जनता के अवलोकन के लिए रखी जायेगी. इसे सभी नगर निकाय, नगर विकास विभाग और विभाग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जायेगा. पटना के महापौर अफजल इमाम ने पटना मास्टर प्लान के ड्राफ्ट व सिटी बस सेवा परिचालन का स्वागत किया.

20 हजार नये आवास बनेंगे
स्मार्ट सिटी के तहत भागलपुर को कहलगांव और नवगछिया से जोड़ने की योजना का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है. भागलपुर को कहलगांव व नवगछिया से जोड़ कर एक शहर का स्वरूप दिया जा सकता है. बिहार की मात्र एक करोड़ आबादी ही शहरों में निवास करती है. यह 10-11 फीसदी है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर शहरी आबादी 30 फीसदी है. नगर विकास विभाग राज्य के विभिन्न शहरों में 20 हजार नये आवासों का निर्माण करायेगा. इनमें 10 हजार आवास पटना में बनेंगे. पटना के पुराने सीवरेज सिस्टम को बदलने के लिए 1200 करोड़ की स्वीकृति की जा चुकी है. जिन शहरों का टेंडर हो गया है, वहां 31 मार्च के बाद कार्य शुरू हो जायेगा. नगर विकास मंत्री ने बताया कि मास्टर प्लान के साथ राजधानी की मेट्रो रेल परियोजना की डीपीआर एक माह में तैयार करने के लिए राइट्स को करीब ढाई करोड़ रुपये दिये गये. सरकार मोनो रेल के प्रोजेक्ट पर भी काम करना चाह रही है. राष्ट्रीय गंगा रिवर डेवलपमेंट प्लान के तहत 237 करोड़ की लागत से पटना के 20 घाटों का निर्माण होना है. इसमें छठ पूजा के पहले छह घाटों का निर्माण होना है. पटना समेत राज्य के जिला मुख्यालयों में स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था की जा रही है.

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