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केंद्र की फ्लैगशिप योजनाओं को समय पूरा कराना प्राथमिकता : सुधीर प्रसाद

अधिकारियों को दिया निर्देशवरीय संवाददाता, रांचीराज्य के नये मुख्य सचिव सुधीर प्रसाद की प्राथमिकता है कि वे केंद्र सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं को समय पर पूरा करें. आइआइटियन श्री प्रसाद ने जल प्रबंधन के क्षेत्र में कई कार्य किये हैं. उन्होंने राज्य में विश्व बैंक के सहयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पीने का पानी […]

अधिकारियों को दिया निर्देशवरीय संवाददाता, रांचीराज्य के नये मुख्य सचिव सुधीर प्रसाद की प्राथमिकता है कि वे केंद्र सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं को समय पर पूरा करें. आइआइटियन श्री प्रसाद ने जल प्रबंधन के क्षेत्र में कई कार्य किये हैं. उन्होंने राज्य में विश्व बैंक के सहयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पीने का पानी पहुंचाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है. इसकी वजह से ही झारखंड को विश्व बैंक और केंद्र संपोषित योजना से 2018-19 तक 900 करोड़ से अधिक की राशि उपलब्ध करायी जा रही है. मुख्य सचिव बनने के बाद राज्य के अधिकारियों से अनौपचारिक बातचीत के क्रम में उन्होंने कहा कि केंद्र से अधिक से अधिक राशि कैसे मिले, इसके लिए जरूरी है कि केंद्रीय अनुदान की राशि का समय पर उपयोगिता प्रमाण पत्र (यूसी) भेजा जाये. साथ ही केंद्र की फ्लैगशिप योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक ग्रामीण जनता तक पहुंचाया जाये. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे संस्थागत परिवर्तन, स्ट्रक्चरल रिफॉर्म और अन्य समेकित विकास के प्रति अधिक सचेत रहें. झारखंड से रहा है लगावमुख्य सचिव श्री प्रसाद का झारखंड से जुड़ाव काफी पुराना है. सबसे पहले वे 1985-87 तक अविभाजित बिहार में हजारीबाग के उप विकास के पद पर रहे. इसके बाद 1988 में रांची के एडीएम के पद पर रहे. रांची में 1990 से लेकर 1993 तक उपायुक्त भी रहे. 1993-94 में इन्हें हजारीबाग का उपायुक्त बनाया गया. झारखंड स्वायतशासी परिषद में अपर क्षेत्रीय विकास आयुक्त के रूप में भी 1998 से लेकर वर्ष 2000 तक इन्होंने अपना योगदान दिया था. रांची में उपायुक्त रहते समय श्री प्रसाद ने जनजातीय लोगों की भूमि वापसी के क्षेत्र में बेहतर कार्य भी किया. इतना ही नहीं झारखंड अलग राज्य के गठन के बाद ऊर्जा विभाग, निबंधन विभाग, पेयजल और स्वच्छता विभाग, विज्ञान प्रावैधिकी विभाग, विकास आयुक्त के रूप में भी महत्वपूर्ण जिम्मेवारियों का निर्वहन भी किया.निबंधन कार्यालयों का कंप्यूटरीकरण शुरू कराया अलग राज्य के गठन के बाद निबंधन विभाग के सचिव रहते हुए श्री प्रसाद ने सभी जिलों के निबंधन कार्यालय का कंप्यूटरीकरण का काम शुरू कराया. उनके निर्देश पर ही एक अगस्त से पूरे राज्य में जमीन के मूल्य निर्धारण के लागू करने की तिथि लागू की गयी. पहले सभी जिलों में अलग-अलग तिथि को वैल्यूएशन की दर लागू की जाती थी. इन्हें राज्य सरकार की ओर से फाइल ट्रेकर व्यवस्था लागू कराने की दिशा में लगातार तीन वर्षों तक (2009 से 2011) तक पुरस्कृत भी किया गया.

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