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राम सेतु को किसी हालत में नहीं तोड़ा जायेगा : केंद्र

एजेंसियां, नयी दिल्लीकेंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन सेतु समुद्रम के मुद्दे पर गुरुवार को पुरजोर शब्दों में एलान किया कि किसी भी सूरत में राम सेतु (सेतुसमुद्रम) को तोड़ा नहीं जायेगा. सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा, ‘हम किसी भी हालत में राम सेतु को तोडेंगे […]

एजेंसियां, नयी दिल्लीकेंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन सेतु समुद्रम के मुद्दे पर गुरुवार को पुरजोर शब्दों में एलान किया कि किसी भी सूरत में राम सेतु (सेतुसमुद्रम) को तोड़ा नहीं जायेगा. सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा, ‘हम किसी भी हालत में राम सेतु को तोडेंगे नहीं. राम सेतु को बचा कर देशहित में प्रोजेक्ट हो सकता है, तो हम करेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है और इसलिए मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा. कोर्ट में इस मुद्दे पर हम ऐसा सुझाव देंगे, जो सभी संबंधित पक्षों को मान्य होगा. गडकरी ने कहा कि वह इसी महीने इस मामले को देखने के लिए तमिलनाडु का दौरा करेंगे. प्रस्तावित सेतुसमुद्रम शिपिंग कैनाल प्रोजेक्ट केंद्र सरकार की परियोजना है, जिसमें इस क्षेत्र को बड़े पोतों के परिवहन योग्य बनाना और साथ ही तटवर्ती इलाकों में मत्स्य और नौवहन बंदरगाह स्थापित करना है.राष्ट्रीय राजमार्गों को चार लेन बनाने के लिए 51 परियोजनाएं गडकरी ने बताया कि पिछले तीन वर्षों और मौजूदा वर्ष के दौरान राष्ट्रीय राजमार्गों को चार लेन का बनाने के लिए 51 परियोजनाएं तैयार की गयी हैं. चार लेनिंग बनाने सहित राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के लिए निधियांें का आवंटन राज्य वार किया जाता है. एनएचडीपी और पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए विशेष त्वरित सड़क विकास कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय राजमार्गों को मुख्यत: चार लेन का करने का कार्य आरंभ किया गया है. इसके तहत तमिलनाडु में राष्ट्रीय राजमार्ग 87 के मदुरै रामेश्वरम खंड को चार लेन करने सहित 32362 किमी के राष्ट्रीय राजमार्गों के उन्नयन का लक्ष्य रखा गया है. लागत पूरी होने पर नहीं वसूला जायेगा टोल मोदी सरकार द्वारा सडक सेक्टर को उच्चतम प्राथमिकता दिये जाने का आश्वासन देते हुए गडकरी ने कहा कि पिछली संप्रग सरकार तक यह व्यवस्था थी कि राजमार्ग के निर्माण का 75 फीसदी कार्य पूरा होने पर वाहनों से टोल की वसूली शुरू की जाती थी और लागत वसूल होने के बावजूद टोल रोड की देखभाल के नाम पर 40 फीसदी टोल की वसूली जारी रखी जाती थी. कहा, ‘लेकिन हमारी सरकार ने यह फैसला किया है कि जिन टोल मार्गों की निर्माण लागत टोल के माध्यम से वसूल की जा चुकी है उन पर टोल वसूली पूरी तरह समाप्त कर दी जायेगी. साथ ही टोल रोड के निर्माण का सौ फीसदी काम पूरा होने से पूर्व कोई टोल वसूली नहीं होगी. रेलवे की आय तीन वर्षों में बढ़ी रेल मंत्री सदानंद गौड़ा ने लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि रेलवे ने राजस्व सृजन कई पहल की हैं. इनमें सहायक गार्डों के केबिन, ब्रेक वैनों के कंपार्टमेंट और पार्सल वैनों को पट्टे पर देने, खाली पड़ी भूमि का उपयोग आदि शामिल है. कहा, इन कदमों के परिणामस्वरूप भारतीय रेलवे की आमदनी में पिछले तीन वर्षों में क्रमश: 5.15 प्रतिशत, 14.97 प्रतिशत और 33.89 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गयी. रेलवे में अनियमितता की बात स्वीकारीरेलवे में भ्रष्टाचार और अनियमितता की बात को स्वीकार करते हुए सरकार ने बताया कि पिछले पांच वर्षों के दौरान रेलवे स्टेशनों के रिटर्न के ऑडिट और आंतरिक जांच में 882 करोड़ रुपये का कम मूल्य लेने का मामला सामने आया, जिसमें से 682 करोड़ रुपये की वसूली की गयी. लोकसभा में केशव प्रसाद मौर्य के पूरक प्रश्न के उत्तर में रेल मंत्री सदानंद गौडा ने कहा कि रेलवे में भ्रष्टाचार है, अनियमितता है. रेल मंत्री ने बताया कि 2009-10 से 2013-14 के दौरान पिछले पांच वर्षों के रेलवे स्टेशनों के रिटर्न की ऑडिट और आंतरिक जांच में 882 करोड़ रुपये कम मूल्य लेने का मामला सामने आया, जिसमें से 682 करोड़ रुपये की वसूली की गयी?

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