कोलकाता : दूसरे राज्यों को आलू भेजने पर रोक लगाने के पश्चिम बंगाल सरकार के फैसले के खिलाफ सोमवार को राज्य के 50 हजार से ज्यादा थोक आलू व्यापारी हड़ताल पर रहे.प्रगतिशील आलू व्यवसायी समिति ने एक दिन की हड़ताल का एलान किया था. व्यापारियों का कहना है कि राज्य सरकार के फैसले से उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.
हड़ताल के कारण हुगली जिले के सिंगुर, तारकेश्वर, चापाडांगा, भंडारहाटी, हरिपाल, धनियाखाली, महेशपुर सहित राज्य के दूसरे हिस्सों में भी थोक व्यवसायियों ने कोल्ड स्टोरेज से आलू नहीं निकाला. पश्चिम बंग प्रगतिशील आलू व्यवसायी समिति के महासचिव वरेन मंडल ने सोमवार को बताया कि हड़ताल पूरी तरह से सफल रही. राज्य के 50 हजार आलू व्यवसायियों ने आलू की बिक्री नहीं की.
उन्होंने कहा कि हम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बातचीत करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 28 जुलाई को दूसरे राज्यों को आलू भेजने पर रोक लगायी थी. बिहार व झारखंड की सीमा पर आलू लदे 300 ट्रक खड़े हैं. इन ट्रकों में आलू सड़ने लगा है. इससे व्यवसायियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
इसके अलावा बिहार व झारखंड में पहले जो आलू भेजा गया था, उसका भुगतान भी नहीं मिला है. आलू व्यवसायियों का कहना है कि झारखंड, बिहार, ओड़िशा व असम जाने वाले ट्रकों में लगभग 180 करोड़ रुपये मूल्य का आलू अटका पड़ा है.