भागलपुर: शहर के सीबीएसइ स्कूलों के स्टूडेंट्स अब फर्राटेदार इंग्लिश बोलते नजर आयेंगे. यह चौंकाने वाली बात नहीं है. वर्तमान में हिंदी के साथ अंगरेजी भाषा का भी काफी महत्व है. इसको ध्यान में रखते हुए सीबीएसइ अपने स्टूडेंट्स को इंगलिश स्पीकिंग में निपुण करने में जुटा है.
इसके तहत विद्यार्थियों में अंगरेजी भाषा की दक्षता विकसित करने के लिहाज से इस साल से असेसमेंट ऑफ स्पीकिंग एंड लिस्निंग स्किल्स (एएसएल) प्रोजेक्ट शुरू किया गया है. खास बात यह है कि एएसएल के तहत बच्चों के लिए आयोजित असेसमेंट की मॉनीटरिंग सख्त करने के लिहाज से रिकॉर्डिग के निर्देश जारी किये गये हैं, जो कि सीबीएसइ के सभी स्कूलों के लिए अनिवार्य किया गया है. सीबीएसइ अधिकारियों के मुताबिक फिलहाल यह व्यवस्था नौवीं, 10वीं और 11वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए की गयी है. असेसमेंट के समय कमजोर स्टूडेंट्स पर विशेष ध्यान दिया जायेगा.
स्पीकिंग क्लास की होगी रिकॉर्डिग
एएसएल प्रोजेक्ट के तहत आयोजित गतिविधियों में जो खर्च होगा, उस बजट की व्यवस्था स्कूल प्रबंधन करेगा. इसके अंतर्गत होनेवाली गतिविधियों के मूल्यांकन की अब रिकॉर्डिग की जायेगी, ताकि सीबीएसइ विशेषज्ञ यह देख सकें कि स्कूल में बच्चों में अंगरेजी दक्षता विकसित करने के लिए किस प्रकार की गतिविधियां करायी जा रही है. योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए शिक्षक को एक रिकॉर्डर दिया जायेगा. रिकॉर्डिग पूरा होने पर असेसमेंट में विद्यार्थियों को दिये गये नंबरों के साथ डीवीडी या सीडी में ट्रांसफर किया जायेगा. इसकी एक कॉपी स्कूल प्रिंसिपल के पास रहेगी, जबकि शिक्षक तथा परीक्षा नियंत्रक को भी एक-एक प्रति दी जायेगी.
बॉडी लैंग्वेज व पर्सनैलिटी डेवलपमेंट पर जोर
सीबीएसइ अधिकारियों के मुताबिक वीडियो रिकॉर्डिग होने से विद्यार्थियों की परफॉर्मेंस में तेजी से सुधार होगा. रिकॉर्डिग से उनकी बॉडी लैग्वेंज का भी पता चलेगा और उनका व्यक्तित्व विकास भी होगा. इस योजना से प्रत्येक बच्चे पर टीचर का ध्यान जा सकेगा. कमजोर बच्चों को अंगरेजी सीखने में आसानी होगी. इन वीडियो को देख कर बच्चों के पर्सनैलिटी डेवलपमेंट में निखार आयेगा.
अंगरेजी बोलने व सुनने-समझने की क्षमता विकसित करने के लिए सीबीएसइ का यह निर्देश स्कूलों में लागू है. इसमें कुछ बदलाव किये गये हैं. नौवीं, 10वीं व 11वीं कक्षा के बच्चों के लिए अंगरेजी विषय में 10 नंबर के एएसएल अनिवार्य किये गये हैं.
चंद्रचूड़ झा, सिटी समन्वयक, सीबीएसइ