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बिजली: उत्तर बंगाल में स्पॉट बिलिंग शुरू

किचकिच से मिली मुक्ति सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी शहर सहित पूरे उत्तर बंगाल में पश्चिम बंगाल राज्य विद्युत वितरण कंपनी ने स्पॉट बिलिंग की शुरूआत कर दी है. इससे बिजली बिल नहीं मिलने या फिर बिजली बिल के देरी से मिलने आदि जैसी किचकिच से आम उपभोक्ताओं को मुक्ति मिल जायेगी. सिलीगुड़ी डिवीजन के माटीगाड़ा, नक्सलबाड़ी, […]

किचकिच से मिली मुक्ति

सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी शहर सहित पूरे उत्तर बंगाल में पश्चिम बंगाल राज्य विद्युत वितरण कंपनी ने स्पॉट बिलिंग की शुरूआत कर दी है. इससे बिजली बिल नहीं मिलने या फिर बिजली बिल के देरी से मिलने आदि जैसी किचकिच से आम उपभोक्ताओं को मुक्ति मिल जायेगी.

सिलीगुड़ी डिवीजन के माटीगाड़ा, नक्सलबाड़ी, बागडोगरा आदि इलाकों में भी इस सेवा की शुरूआत हो गयी है. सिर्फ शहरी इलाकों में ही नहीं, बल्कि ग्रामीण इलाकों के बिजली उपभोक्ताओं को भी इस सेवा का लाभ मिल रहा है. मीटर रीडिंग के कार्य में लगे बिजली विभाग का एक कर्मचारी सुब्रतो तालुकदार ने बताया है कि पहले बिजली बिल को लेकर उपभोक्ताओं के साथ काफी कहा-सुनी होती थी.

इसके अलावा इस प्रक्रिया में समय भी काफी लगता था. पहले बिजली विभाग के कर्मचारी घर-घर जाते थे और मीटर की रीडिंग कर संबंधित स्टेशन मैनेजरों को जमा कराते थे. उसके बाद बिलिंग होती थी और डाक अथवा कोरियर द्वारा बिल उपभोक्ताओं को भेजे जाते थे. इसमें कई प्रकार की परेशानी होती थी. जिसमें मुख्य गलत मीटर रीडिंग तथा बिजली बिल के देरी से मिलने की शिकायत शामिल थी.

कई उपभोक्ताओं का कहना होता था कि बिजली बिल के देरी से आने की वजह से वह समय पर बिजली बिल जमा नहीं करा सके तथा उन्हें फाइन भरना पड़ा. इसको लेकर कई बार उपभोक्ताओं के साथ बिजली विभाग के कर्मचारियों की कहा-सुनी भी हो जाती थी.

श्री तालुकदार ने आगे बताया कि अब इस तरह की समस्या से मुक्ति मिल गई है. ग्राहक अधिक मीटर रिडिंग की शिकायत भी नहीं कर सकते, क्योंकि ग्राहकों के सामने ही इलेक्ट्रॉनिक मीटर रीडिंग मशीन को मीटर के साथ जोड़ दिया जाता है और दो मिनट से भी कम समय के अंदर विस्तृत ब्यौरे के साथ उपभोक्ताओं को बिजली बिल का प्रिंट आउट दे दिया जाता है.

इस नये इलेक्ट्रॉनिक मशीन में हाथों-हाथ बिल भुगतान की भी सुविधा है, लेकिन अभी इस सेवा की शुरूआत नहीं की गयी है. आने वाले दिनों में इस सेवा के भी शुरूआत करने की योजना बिजली विभाग की है. अगर इस सेवा की शुरूआत हो जाती है, तो बिजली उपभोक्ताओं की चांदी हो जायेगी.

उन्हें बिल के भुगतान के लिए घंटों कतार में खड़े रहकर इंतजार नहीं करना पड़ेगा. इस संबंध में बिजली विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में जो इलेक्ट्रॉनिक मीटर रीडिंग मशीन है उसी के माध्यम से बिल का भुगतान भी संभव है. लेकिन फिलहाल नगद में बिल का भुगतान नहीं किया जा सकता. जिस तरह से किसी बड़े दुकान में लोग डेबिट कार्ड अथवा क्रेडिट कार्ड से पैसे का भुगतान करते हैं उसी तरह से इस मशीन के द्वारा भी बिल का भुगतान किया जा सकता है.

हालांकि अभी इस सेवा की शुरूआत नहीं की गयी है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में अभी भी लोगों के पास डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड की सुविधा नहीं है. इन लोगों को नगद में ही भुगतान करना पड़ेगा. आम उपभोक्ताओं से स्पॉट पर ही नगद में भी बिजली बिल का भुगतान लिया जा सके, इस दिशा में काम चल रहा है. आने वाले दिनों में इस सेवा की भी शुरूआत कर दी जायेगी.

कैसे काम करती है नयी व्यवस्था

जानकारी के अनुसार, बिजली विभाग के कर्मचारी घर-घर जा रहे हैं और वही मीटर की रीडिंग कर उपभोक्ताओं को बिजली बिल उपलब्ध करा देते हैं. इसके लिए हरेक कर्मचारी को इलेक्ट्रॉनिक मशीन दी गयी है.

इस इलेक्ट्रॉनिक मशीन को बिजली के मीटर के साथ जोड़ दिया जाता है और पूरे विवरण के साथ बिलिंग कर दी जाती है. बिल का प्रिंट आउट हाथों-हाथ बिजली उपभोक्ताओं को दे दिया जाता है.

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