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थोक मंडी में 20, लेकिन खुदरा में 30 रुपये किलो

झारखंड में आलू का संकट बरकरार रांची : झारखंड में आलू का संकट बरकरार है. पश्चिम बंगाल सरकारी की रोक के बाद आलू झारखंड आना बंद हो गया है. राजधानी स्थित थोक मंडी पंडरा में आलू का आवक अन्य दिनों से कम हुआ. आलू थोक मंडी में 19-20 रुपये प्रति किलो बिक रहा है लेकिन […]

झारखंड में आलू का संकट बरकरार

रांची : झारखंड में आलू का संकट बरकरार है. पश्चिम बंगाल सरकारी की रोक के बाद आलू झारखंड आना बंद हो गया है. राजधानी स्थित थोक मंडी पंडरा में आलू का आवक अन्य दिनों से कम हुआ.

आलू थोक मंडी में 19-20 रुपये प्रति किलो बिक रहा है लेकिन खुदरा मंडी पहुंचते-पहुंचते इसकी कीमत 28 से 30 रुपये किलो हो जा रही है. आलू संकट को लेकर फेडरेशन चेंबर ऑफ कॉमर्स ने बैठक की. इसमें सरकार से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया गया.

150-160 टन आलू की आवक, चाहिए 190 टन

राज्य में अभी औसतन 150-160 टन आलू झारखंड आ रहा है. शुक्रवार को 17-18 गाड़ी आलू रांची पहुंचा. यहां औसतन 190 टन आलू की जरूरत है. राज्य में अभी मुख्य रूप से बंगाल से ही आलू की आपूर्ति हो रही है. रांची चेंबर के अध्यक्ष शंभु गुप्ता ने बताया कि बड़ी मात्र में आलू पाकिस्तान निर्यात किया जा रहा है. पाकिस्तान की आपूर्ति मुख्यत: उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, राजस्थान आदि राज्यों से हो रही है. इससे भी आलू की कमी हो रही है.

कोर्ट जा सकते हैं बंगाल के आलू व्यवसायी

बंगाल सरकार की ओर से आलू की बिक्री रोकने के विरोध में बंगाल के आलू व्यवसायियों में रोष है. शुक्रवार को हुगली, वर्धमान, बांकुड़ा, मिदनापुर, सिलिगुड़ी, वीरभूम, मुर्शिदाबाद समेत अन्य जिलों के आलू व्यवसायियों ने एक बैठक की. इसमें निर्णय लिया गया कि सोमवार को राज्य भर के कोल्ड स्टोरेज व आलू प्रतिष्ठान बंद रहेंगे. सरकार से फैसला बदलने का आग्रह किया जायेगा. व्यवसायियों ने कहा कि सरकार ने मांगें नहीं मानीं तो व्यवसायी अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे और कोर्ट की शरण में जायेंगे.

पार्टियों ने जतायी नाराजगी

बातचीत से समस्या का हल निकालें : कांग्रेस

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत ने कहा है कि देश में संघीय ढांचा है. दो राज्यों के बीच तकरार नहीं होनी चाहिए. वार्ता के जरिये समस्या का समाधान निकाला जा सकता है. हेमंत सोरेन सरकार इस पर पहल करेगी, तो समस्या का समाधान निकल जायेगा. राज्यों को एक-दूसरे के हित का ख्याल रखना चाहिए.

जनता की चिंता है, तो मामला सुलझायें : भाजपा

भाजपा विधायक रघुवर दास ने कहा है कि आलू गरीबों के भोजन का हिस्सा है. आलू की किल्लत ने गरीबों की थाली से इसे भी छीन लिया है. हेमंत सोरेन सरकार को गरीबों की चिंता है, तो तुरंत मामला सुलझाना चाहिए. बंगाल सरकार से बातचीत का रास्ता निकाला जाना चाहिए. बेवजह का तकरार सही नहीं है.

बंगाल सरकार से बात करें हेमंत : झाविमो

झाविमो के महासचिव प्रवीण सिंह ने कहा है कि पड़ोसी राज्य का मामला है. बंगाल सरकार से इस समस्या को लेकर बात होनी चाहिए. सरकार की विफलता के कारण यह स्थिति बनी है. झारखंड ने अपनी बात बंगाल सरकार तक समय रहते नहीं पहुंचायी. गरीबों को लेकर यह सरकार संवेदनशील नहीं है.

तत्काल पहल करे राज्य सरकार : राजद

राजद के प्रदेश अध्यक्ष गिरिनाथ सिंह ने कहा है कि बंगाल सरकार ने गलत निर्णय लिया है. सरकार पूरे मामले में तत्काल पहल करे. मुख्यमंत्री को बंगाल की मुख्यमंत्री से बात कर समस्या का समाधान करना चाहिए. मुख्य सचिव जिला से लेकर ब्लॉक तक घूम रहे हैं, तो उनको भी बंगाल के मुख्य सचिव से बात करनी चाहिए.

केंद्र हस्तक्षेप करे, तकरार की नौबत ना आये : आजसू

आजसू के प्रदेश प्रवक्ता डॉ देव शरण भगत ने कहा है कि बंगाल ने अचानक झारखंड में आलू रोक कर नाइंसाफी की है. यह देश के संघीय ढांचा व्यवस्था के खिलाफ है. एक राज्य दूसरे राज्यों की आवश्यकता को पूरा करता है. एक राज्य को दूसरे राज्य की चिंता होनी चाहिए. केंद्र को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए.

हेमंत सरकार बंगाल पर दबाव बनाये : माले

माले के राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद ने कहा है कि बंगाल की ममता सरकार ने गलत फैसला लिया है. यह राज्य का अधिकार नहीं है कि वह दूसरे राज्यों में जाने वाली चीजों को रोक दे. ममता सरकार इस फैसले को वापस ले. बंगाल नहीं मानता है, तो हेमंत सोरेन सरकार को भी दबाव बनाना चाहिए.

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