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चाइल्ड ट्रैफिकिंग का मामला थमेगा

मधुबनी : अतिपिछड़े जिले मधुबनी में विभिन्न कारणों से भयावह बने चाइल्ड ट्रैफ्किंग का मामला अब बीते दिन की बात बनने वाली है. इस मामले को शून्य पर लाने की मुहिम शुरू होगी. इसके लिए विभाग से हरी झंडी मिलते ही मानव व्यापार निरोधी थाना के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. सूबे […]

मधुबनी : अतिपिछड़े जिले मधुबनी में विभिन्न कारणों से भयावह बने चाइल्ड ट्रैफ्किंग का मामला अब बीते दिन की बात बनने वाली है. इस मामले को शून्य पर लाने की मुहिम शुरू होगी. इसके लिए विभाग से हरी झंडी मिलते ही मानव व्यापार निरोधी थाना के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.

सूबे में इस थाना के खोले जाने के लिए जिन 14 जिलों का चयन किया गया है. उसमें मधुबनी भी शामिल है. जहां विभिन्न सामाजिक संगठनों के रिपोर्ट के मुताबिक चाइल्ड ट्रैफ्किंग का मामला खतरनाक हाल में है.

मामले से निबटने की बनी रणनीति

इन जिलों में मानव व्यापार निरोधी इकाई का गठन पहले ही किया गया है, लेकिन यह कारगर तरीके से काम नहीं कर पा रहा है. बचपन बचाओ आंदोलन बनाम भारत संघ के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इस पर अपनी चिंता जाहिर की है. इसे देखते हुए डीजीपी के निर्देश पर महानिरीक्षक (कमजोर वर्ग) ने ट्रैफ्किंग रोक के लिए थाना खोलने का निर्देश दिया है. संभावना है कि सब कुछ ठीक ठाक रहा तो 15 अगस्त से पहले यहां थाने खुल जायेगे.

कार्रवाई में आयेगी तेजी

इस विशेष थाना के खुल जाने के बाद गुमशुदा बच्चों को चार माह में हर हाल में बरामदगी सुनिश्चित करनी होगी. थाने में दर्ज मामले में बरामदगी न होने या अन्य शिथिलता की हालत में मानव व्यापार निरोधी इकाई अन्वेषण को मामला हस्तगत करा दिया जायेगा. जाहिर है इससे कार्यो में तेजी आयेगी.

नहीं होंगे अतिरिक्त खर्च

इस थाने के गठन के लिए उपलब्ध पदाधिकारी को ही थाना अध्यक्ष का दायित्व दिया जायेगा. संसाधन भी विभाग से जुटाये जायेंगे.

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