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गंगा नदी के पुनरुद्धार के लिए केंद्र प्रतिबद्ध : उमा

ब्यूरो, नयी दिल्लीसरकार गंगा नदी के पुनरुद्धार के लिए प्रतिबद्व है. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा जीर्णोद्धार शहरी विकास, पोत परिवहन पेयजल आपूर्ति तथा स्वछता, ग्रामीण विकास आदि मंत्रालयों तथा साथ ही, गंगा की सफाई से जुड़े शिक्षाविदों, तकनीकी विशेषज्ञों, गैर-सरकारी संगठनों के साथ परामर्श चल रहा है. कार्य […]

ब्यूरो, नयी दिल्लीसरकार गंगा नदी के पुनरुद्धार के लिए प्रतिबद्व है. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा जीर्णोद्धार शहरी विकास, पोत परिवहन पेयजल आपूर्ति तथा स्वछता, ग्रामीण विकास आदि मंत्रालयों तथा साथ ही, गंगा की सफाई से जुड़े शिक्षाविदों, तकनीकी विशेषज्ञों, गैर-सरकारी संगठनों के साथ परामर्श चल रहा है. कार्य योजना की मुख्य विशेषताओं को तैयार करने, समय-सीमा तथा संभावित व्यय सहित कार्य योजना के निश्चित रूप के बारे में जानकारी गंगा नदी की सफाई के लिए कार्य योजना को अंतिम रूप देने के बाद ही मिल पायेगी. गंगा और अन्य नदियों की सफाई के लिए किये गये उपायों के वांछित परिणाम के विषय में लोकसभा में राजद संसदीय दल के उपनेता जयप्रकाश नारायण यादव के सवाल पर नदी विकास और गंगा जीर्णोद्धार मंत्री उमा भारती ने यह जानकारी दी. यादव ने सफाई के लिए सरकार की ओर से की जा रही नयी पहलों की जानकारी भी मांगी. जिसके जवाब में कहा गया कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने सूचित किया है कि प्रदूषित नदियों को पहचानने, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ मिल कर उपयुक्त सुधारात्मक कदम उठाने एवं उनके प्रभाव के मूल्यांकन की जिम्मेवारी राज्य सरकारों/स्थानीय निकायों की है. पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण कार्यक्रम सहित राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के तहत प्रमुख नदियों के पहचान किये गये हिस्सों में प्रदूषण की समस्या के समाधान में राज्य सरकारों के प्रयासों का समर्थन कर रहा है ़ एनआरसीपी और एनजीआरबीए के अंतर्गत परियोजनाएं केंद्र और राज्य सरकारों के बीच लागत हिस्सेदारी के आधार पर कार्यान्वित की जा रही हैं ़गंगा नदी के लिए वर्ष 2009 में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की स्थापना की गयी थी. एनजीबीआरए के लिए कार्यान्वयन अभिकरण राष्ट्रीय गंगा सफाई मिशन है, जिसकी अध्यक्षता सचिव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा की जा रही है. गंगा के अतिरिक्त अन्य नदियों के लिए वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के संरक्षण/ विकास का कार्य सौंपा गया है ़ एनजीआरबीए कार्यक्रम की शुरुआत से गंगा राज्यों के 48 शहरों में 5,004.19 करोड़ रुपये की कुल लागत से 76 स्कीमें, 70 अवसंरचना निवेश, 5 संस्थागत विकास और कार्यान्वयन सहयोग स्वीकृत की गयी है. इसमें अब तक केंद्र द्वारा 1,229.87 करोड़ रुपये और राज्यों द्वारा समान हिस्सा जारी किया गया है और परियोजानाओं के कार्यान्वयन के लिए मार्च, 2014 तक 838.76 करोड़ रुपये का कुल व्यय किया गया है.

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