-कोलकाता संवाददाता-
सिलीगुड़ीः उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ मोरचा खोल दिया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पास ही स्वास्थ्य मंत्रलय भी है. इसी को मुद्दा बनाते हुए जूनियर डॉक्टरों ने अस्पताल परिसर में विभिन्न स्थानों पर पोस्टरिंग करके मुख्यमंत्री की आलोचना की है.
इन पोस्टरों में कहा गया है कि पिछले तीन साले से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य की सत्ता में है. उसके बावजूद उन्होंने एक बार भी उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का दौरा नहीं किया है. उन्हें डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई से पहले अस्पताल के ढांचागत सुविधाओं में विकास करना चाहिए था. पोस्टर में आगे कहा गया है कि राज्य सरकार ने इंसेफलाइटिस से निबटने में असफल रहने का अरोप लगाते हुए जिन स्वास्थ्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है, उन्हें नोटिस दे कर अपना पक्ष रखने तक का भी मौका नहीं दिया गया.
विभिन्न जूनियर डॉक्टरों ने भी इस संबंध में बताया है कि पिछले महीने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दार्जिलिंग के दौरे पर आयी थी. उस दौरान भी इस बीमारी ने व्यापक रूप धारण कर रखा था. मुख्यमंत्री चाहती तो कोलकाता लौटने के क्रम में अस्पताल का दौरा कर सकती थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. इस बीच जुनियर डॉक्टरों एवं मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने अस्पताल के प्रिंसीपल के निलंबन के खिलाफ आज यहां रैली भी निकाली. इसमें काफी संख्या में जुनियर डॉक्टर भी शामिल हुए.
दूसरी तरफ, इंसेफलाइटिस से स्थिति जस की तस बनी हुई है. मेडिकल कॉलेज में आज भी एक मरीज के इस बीमारी से मरने की खबर है. अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कर्सियांग के 70 वर्षीय बिरसा तिरकी की आज यहां मौत हो गयी. दो अन्य लोगों की भी मारे जाने की खबर है. इस तरह पिछले 24 घंटे में इंसेफलाइटिस की बीमारी से यहां तीन और मरीजों की मौत हो चुकी है. मरनेवालों की संख्या बढ़ कर 107 के पार हो गयी है. इस घटना के बाद दार्जिलिंग पहाड़ पर भी हड़कंप मच गया है. दार्जिलिंग जिले में भले ही इस बीमारी का प्रभाव रहा हो, लेकिन पर्वतीय क्षेत्र में इंसफलाइटिस की बीमारी का एक भी मामला सामने नहीं आया था. कर्सियांग के एक वृद्ध की मौत की घटना के बाद पहाड़ के लोगों की चिंता बढ़ गयी है.