नयी दिल्ली: भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी के तरफ से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ नेशनल हेराल्ड दैनिक के अधिग्रहण को लेकर दायर मामले में आज दिल्ली की एक अदालत ने इस केस की सुनवायी 28 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी है. दिल्ली की इसी अदालत ने कुछ दिनों पहले इस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ सम्मन जारी किया था.
मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट गोमती मनोचा ने मामले की सुनवायी तब टाल दी जब सोनिया गांधी एवं अन्य के लिए पेश होने वाले वकील ने अदालत को सूचित किया कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने कल निचली अदालत में लंबित आपराधिक कार्यवाही पर 13 अगस्त तक रोक लगा दी थी.
सोनिया राहुल और अन्य के लिए पेश होने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता ने अदालत को बताया कि सैम पित्रोदा को सम्मन की तामील नहीं हो पायी है क्योंकि वह अब अमेरिका में रहते हैं.
स्वामी ने अदालत से अनुरोध किया कि पित्रोदा को जारी किये गए सम्मन उन्हें सौंप दिया जाए ताकि वह उन्हें तामील करा सकें. अदालत ने स्वामी की बात स्वीकार कर ली और मामले की अगली सुनवायी की तिथि 28 अगस्त तय की.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोनिया और राहुल को राहत प्रदान करते हुए उनके खिलाफ निचली अदालत में चल रही आपराधिक कार्यवाही पर कल 13 अगस्त तक रोक लगा दी थी.
न्यायामूर्ति वी पी वैश ने कहा, ‘मामलों को 13 अगस्त को दोबरा अधिसूचित करें.तब तक आरोपियों के खिलाफ निचली अदालत द्वारा 26 जून 2014 को जारी उस आदेश पर रोक लगायी जाती है जिसे चुनौती दी गई है.यह रोक सोनिया, राहुल सहित अन्य लोगों के लिए राहत के तौर पर आयी है जिसमें कांग्रेस कोषाध्यक्ष मोती लाल वोरा, महासचिव आस्कर फर्नांडिस, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे शामिल हैं जिन्हें आज निचली अदालत के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया था.
कांग्रेसी नेताओं ने स्वामी की उस शिकायत पर निचली अदालत के सम्मन करने वाले अदालत के आदेश को चुनौती दी थी थी जिसमें उन्होंने यंग इंडियन द्वारा दैनिक समाचारपत्र के अधिग्रहण में धोखाधडी और धन की हेराफेरी का आरोप लगाया था.
पित्रोदा एकमात्र ऐसे आरोपी हैं जिन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा नहीं खटखटाया है क्योंकि सम्मन की तामील उन्हें नहीं हुई है.उच्च न्यायालय ने अब मामले की अगली सुनवायी की तिथि 13 अगस्त तय की है जब सुमन दुबे और स्वामी के वकील उनके मामले पर जिरह करेंगे.
निचली अदालत ने छह लोगों को मामले में आरोपी के तौर पर सम्मन करने के साथ ही कहा था कि स्वामी ने प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ धोखाधडी, धनराशि की हेराफेरी और आपराधिक विश्वासघात का मामला साबित किया है.
स्वामी ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी एवं अन्य पर आरोप लगाया है कि उन्होंने षड्यंत्र के तहत मात्र 50 लाख रुपये का भुगतान किया जिससे यंग इंडिया को वह 90.25 करोड रुपये प्राप्त करने का अधिकार प्राप्त हो गया जिसका भुगतान एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को कांग्रेस पार्टी को करना था.