विरोध के कारण मामला प्रवर समिति को रांची : अमेटी विश्वविद्यालय विधेयक-14 सदन के पारित नहीं हो सका. सदस्यों के विरोध के कारण इसे प्रवर समिति को दे दिया गया. इसके लिए प्रवर समिति का गठन भी कर दिया गया. इसमें विभागीय मंत्री गीताश्री उरांव अध्यक्ष होंंगी. सदस्य के रूप में राजेंद्र सिंह, दीपक विरुआ, विमला प्रधान, माधव लाल सिंह, बंधु तिर्की व सत्येंद्र नाथ तिवारी को रखा गया है. समिति को 15 दिनों के अंदर रिपोर्ट देना है. इससे पूर्व विनोद सिंह ने कहा कि सरकार को पहले निजी विश्वविद्यालयों के लिए नियमावली बनानी चाहिए. उसी आधार पर निजी विश्वविद्यालयों को राज्य में अनुमति मिलनी चाहिए. यह भी तय होनी चाहिए कि कितनी जमीन चाहिए. कितना भवन चाहिए. नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए. बंधु तिर्की ने कहा कि इसमें यूजीसी एक्ट का भी उल्लंघन किया गया है. कुलपति का कार्यकाल चार साल का बताया गया है. जबकि अन्य विश्वविद्यालय में यह तीन साल है. मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा कि अमेटी राष्ट्रीय स्तर का ख्याति प्राप्त शैक्षणिक संस्थान है. इसके आने से स्थानीय लोगों को फायदा होगा. रोजगार के अवसर भी मिलेंगे. संसदीय कार्यमंत्री राजेंद्र सिंह के हस्तक्षेप के बाद इसे प्रवर समिति को दे दिया गया.
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नहीं पारित हो सका अमेटी विश्वविद्यालय विधेयक (पढ़ कर लगायें)
विरोध के कारण मामला प्रवर समिति को रांची : अमेटी विश्वविद्यालय विधेयक-14 सदन के पारित नहीं हो सका. सदस्यों के विरोध के कारण इसे प्रवर समिति को दे दिया गया. इसके लिए प्रवर समिति का गठन भी कर दिया गया. इसमें विभागीय मंत्री गीताश्री उरांव अध्यक्ष होंंगी. सदस्य के रूप में राजेंद्र सिंह, दीपक विरुआ, […]
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