मुंबई:मध्यप्रदेश के खंडवा शहर में 4 अगस्त 1929 को जन्म लेने वाले बॉलीवुड के नायक और गायक किशोर कुमार आज भी लोगों के दिलों में बसते हैं. किशोर के जन्मदिन पर गूगल ने अपने डूडल के जरीये सलाम किया है.एक मध्यमवर्गीय बंगाली परिवार में जन्में किशोर कुमार ने हिन्दी सिनेमा के तीन नायकों को महानायक का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की. उनकी आवाज के जादू से देवआनंद सदाबहार हीरो कहलाये और राजेश खन्ना को सुपर स्टार बनाने का श्रेय भी उन्हें ही जाता है. कहा जाता है कि किशोर की आवाज के कारण ही अमिताभ बच्चन महानायक कहलाने लगे.
किशोर के हिट गाने
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1960 में किशोर कुमार और मधुबाला ने शादी कर ली जिसके लिए किशोर कुमार ने अपना नाम बदलकर इस्लामिक नाम “करीम अब्दुल” रख लिया था. फिल्म ‘महलों के ख्वाब’ ने मधुबाला और किशोर कुमार को पास लाने में अहम भूमिका निभाई. मध्य प्रदेश के खंडवा में 18 साल तक रहने के बाद किशोर कुमार को उनके बड़े भाई अशोक कुमार ने मुंबई बुला लिया.
किशोर कुमार यूं तो अशोक कुमार यानि दादामुनी के भाई थे जो हिन्दी सिनेमा में किशोर कुमार से पहले स्थापित थे लेकिन फिल्मों में काम के लिए किशोर कुमार ने खुद मेहनत की. साल 1969 में निर्माता निर्देशक शक्ति सामंत की फिल्म आराधना के जरिए किशोर गायकी के दुनिया के बेताज बादशाह बने. इस फिल्म में किशोर कुमार ने ‘मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू’ और ‘रूप तेरा मस्ताना’ जैसे गाने गाए.
बॉलीवुड में काफी मेहनत की है किशोर ने
दुनिया की भीड़ में अपनी मेहनत से अपना मुकाम बना पाना सरल कार्य नहीं पर किशोर कुमार ने जिंदगी की जंग में अपने कठोर परिश्रम से विजय हासिल की. किशोर कुमार ने हिन्दी सिनेमा की गायिकी में अपना ऐसा मुकाम बनाया जिसे भुला पाना आज भी आसान नहीं है. इसके बावजूद भी किशोर कुमार की जिंदगी ‘कोरा कागज’ के उस गीत जैसी लगती है जिसे स्वयं उन्होंने गाया था. अपने शुरूआती दिनों में उनको काफी मेहनत करनी पड़ी थी फिर भी उन्होंने हार न मानते हुए अपने मुकाम को हासिल किया. फिल्मों में उनके हास्य किरदार को लोगों ने काफी सराहा. उनकी फिल्म पड़ोसन को लोग आज भी याद करते हैं तो हंस के लोट-पोट हो जाते हैं.
किशोर ने की थी चार शादियां
किशोर कुमार ने चार शादियां की फिर भी उनके जीवन में प्यार की कमी रही. जिंदगी के हर क्षेत्र में मस्तमौला रहने वाले किशोर कुमार के लिए उनकी लव लाइफ भी बड़ी अनोखी थी. प्यार, गम और जुदाई से भरी उनकी जिंदगी में चार पत्नियां आईं. किशोर कुमार की पहली शादी रूमा देवी से हुई थी, लेकिन जल्दी ही शादी टूट गई. इसके बाद उन्होंने मधुबाला के साथ विवाह किया. लेकिन शादी के नौ साल बाद ही मधुबाला की मौत के साथ यह शादी भी टूट गई. साल 1976 में किशोर कुमार ने अभिनेत्री योगिता बाली से शादी की लेकिन यह शादी भी ज्यादा नहीं चल पाई. इसके बाद साल 1980 में उन्होंने चौथी और आखिरी शादी लीना चंद्रावरकर से की जो उम्र में उनके बेटे अमित से दो साल बड़ी थीं. किशोर कुमार की निजी जिंदगी में दुखों का सिलसिला कुछ इस कदर ही चलता रहा और एक दिन 13 अक्टूबर साल 1987 को दिल का दौरा पड़ने के कारण उनकी मौत हो गई.