सिलीगुड़ी: दाजिर्लिंग में अंजुमन इसलामिया का विवाद काफी गहरा हो गया है. इस मामले में अन्य सात आरोपियों की गिरफ्तारी तय मानी जा रही है. इससे पहले अंजुमन इसलामिया कमेटी के सदस्य तथा दाजिर्लिंग नगरपालिका के कमिश्नर जाहिद खान को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि अन्य सात लोगों की तलाश पुलिस कर रही है. दाजिर्लिंग अंजुमन इसलामिया के वर्तमान प्रशासक दाजिर्लिंग के जिला शासक पुनीत यादव हैं. उन्होंने कहा है कि अंजुमन इसलामिया में पुराने कमेटी के लोगों ने करोड़ों रुपये की हेरा-फेरी की है और इस मामले में जो भी दोषी हैं उनको बख्शा नहीं जायेगा.
श्री यादव ने इस संबंध में बताया है कि दाजिर्लिंग में अंजुमन इसलामिया 100 साल से भी अधिक पुराना संगठन है और यह वक्फ बोर्ड के अधीन है. नियमत: यहां तीन साल में चुनाव होना चाहिए और चुनाव के माध्यम से कमेटी का गठन होना चाहिए. वर्ष 2002 में इस कमेटी के लिए अंतिम बार चुनाव हुआ था और उसके बाद से लेकर अब तक कभी चुनाव नहीं हुआ. वर्ष 2002 में चुने गये प्रतिनिधि ही इस कमेटी के सत्ता में बने रहे. श्री यादव ने आगे बताया कि कुछ महीने पहले वक्फ बोर्ड ने जब अंजुमन इसलामिया के खातों की ऑडिट की तो कई अनियमितताएं सामने आयी. करोड़ों रुपये के वारे-न्यारे किये गये हैं.
उसके बाद यहां प्रशासक की नियुक्ति हुई. श्री यादव ने आगे बताया कि अंजुमन इसलामिया के प्रशासक पद का पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने भी इस पूरे मामले की जांच की, तो करोड़ों रुपये की हेराफेरी का मामला सामने आया है. अंजुमन इसलामिया की जमीन पर अवैध रूप से निर्माण कराये गये और कई स्थानों पर जमीन को प्रमोटरों के हाथों भी बेचने का मामला सामने आया है. अंजुमन इसलामिया की जमीन प्लॉट नंबर 14 पर जो निर्माण कराया गया है, उसकी निविदा लागत 66 लाख रुपये की थी, जबकि ठेकेदार को 2.36 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया.
इतना ही नहीं, विजनबाड़ी के एक प्रमोटर प्रदीप लामा को भी जमीन की बिक्री की गयी है. जबकि नियमानुसार वक्फ बोर्ड की संपत्ति की खरीद-बिक्री नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि पुरानी कमेटी के लोग पिछले दस वर्षो से अपने पद पर बने रहे, लेकिन अंजुमन इसलामिया को इसका कोई लाभ नहीं हुआ. उल्टे दाजिर्लिंग में एक मदरसा बंद हो गया है. इससे मदरसा में पढ़ाई कर रहे बच्चों की शिक्षा प्रभावित हुई है. श्री यादव ने आगे बताया कि इस मामले में जो लोग भी आरोपी हैं, उनको गिरफ्तार किया जायेगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. अंजुमन इसलामिया के तत्कालीन अध्यक्ष अबु नासिर सिद्दिकी तथा महासचिव अब्दुल रसीद सहित सात लोग फरार हैं जिसकी तलाश की जा रही है.