10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

प्रस्तावित निकाय को चुस्त-दुरुस्त कर रही सरकार

नयी दिल्ली. न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए मौजूदा प्रणाली खत्म करने के लिए विधेयक लाने के लिए उत्सुक सरकार निर्वाचक मंडल (कोलेजियम) की जगह लेनेवाले प्रस्तावित निकाय के आकार-प्रकार पर विभिन्न विकल्पों पर गौर कर रही है. कुछ कानूनविदें का विचार है कि प्रस्तावित न्यायिक नियुक्ति आयोग (जेएसी) एक ‘स्थाई’ निकाय होना चाहिए, जिसके अध्यक्ष […]

नयी दिल्ली. न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए मौजूदा प्रणाली खत्म करने के लिए विधेयक लाने के लिए उत्सुक सरकार निर्वाचक मंडल (कोलेजियम) की जगह लेनेवाले प्रस्तावित निकाय के आकार-प्रकार पर विभिन्न विकल्पों पर गौर कर रही है. कुछ कानूनविदें का विचार है कि प्रस्तावित न्यायिक नियुक्ति आयोग (जेएसी) एक ‘स्थाई’ निकाय होना चाहिए, जिसके अध्यक्ष और सदस्यों का नियत कार्यकाल हो. अन्य का विचार है कि जैसा यूपीए सरकार ने अपने विधेयक में प्रस्ताव किया था यह ‘पदेन’ निकाय होना चाहिए. पता चला है कि संसद के जारी सत्र में इस पर कोई विधेयक पेश करने के लिए काम कर रही सरकार दोनों ही विकल्पों पर विचार कर रही है. जहां किसी स्थाई निकाय का मतलब होगा कि निकाय के अध्यक्ष एवं अन्य सदस्यों का एक नियत कार्यकाल होगा, किसी पदेन आयोग के मामले में कुछ खास पद पर रहने के चलते सदस्य इसका हिस्सा बनेंगे. यूपीए सरकार विधेयक में प्रस्ताव किया गया था कि जेएसी की अध्यक्षता भारत के प्रधान न्यायाधीश होंगे, जबकि सुप्रीम कोर्ट के दो वरिष्ठ न्यायाधीश, दो अग्रणी व्यक्ति और कानूनमंत्री इसके सदस्य होंगे. पदेन ढांचे में कोई व्यक्ति तब तक उसका हिस्सा बना रहेगा, जब तक वह किसी खास पद पर आसीन रहेगा. सूत्रों ने बताया कि राजग को सरकार प्रस्तावित न्यायिक नियुक्ति आयोग विधेयक की संरचना और कार्यों को संविधान में डालन की पिछली यूपीए सरकार की योजना से गुरेज नहीं है. सूत्रों ने बताया कि राजग सरकार प्रस्तावित पैनल की संरचना में फेरबदल करना चाहती है. राजग सरकार ने यूपीए सरकार के विधेयक में कुछ कमजोरियां पायी हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें