एजेंसियां, नयी दिल्लीदिल्ली में आपूर्ति होनेवाले कुल पानी में से 70 प्रतिशत को पीने लायक न बतानेवाले दिल्ली नगर निगम की खबरें पढ़ने के बाद, प्रकृति सिंह (16) ने ‘जल दूत’ बनने और इस समस्या को अपने ढंग से सुलझाने का फैसला किया. दिल्ली के कुछ इलाकों का दौरा करने के बाद और वहां के पानी के नमूनों का परीक्षण करवाने के बाद 12वीं की छात्रा प्रकृति ने दिल्ली के मदनपुर खादर इलाके में काम करने का फैसला किया. इसके लिए उन्होंने 250 लीटर प्रति घंटा की क्षमतावाला एक्वा प्रिस्टिंस का आरओ 250 एलपीएच जलशोध प्रणाली लगायी है. प्रकृति का दावा है कि यह रोजाना 1500 लीटर पानी का शोधन करता है.आज 200 परिवार शुद्ध जल का इस्तेमाल कर रहे हैं. स्कूल में पढ़नेवाले बच्चों को भी साफ पानी मिल रहा है. पहले संयंत्र के सफलतापूर्वक लग जाने से उत्साहित प्रकृति ने एक अन्य संयंत्र पिछले माह पंजाबी बाग के मानव आश्रम में लगाया. उनके एजेंडे में अगला काम ऐसा ही एक संयंत्र तुगलकाबाद इलाके के वृद्धाश्रम में लगाने का है. प्रकृति ने इस अभियान की शुरुआत तब की, जब उसके दादा को दूषित जल पीने के कारण पीलिया हुआ और उनका निधन हो गया.
स्कूली छात्रा ने सुलझाई दूषित जल की समस्या
एजेंसियां, नयी दिल्लीदिल्ली में आपूर्ति होनेवाले कुल पानी में से 70 प्रतिशत को पीने लायक न बतानेवाले दिल्ली नगर निगम की खबरें पढ़ने के बाद, प्रकृति सिंह (16) ने ‘जल दूत’ बनने और इस समस्या को अपने ढंग से सुलझाने का फैसला किया. दिल्ली के कुछ इलाकों का दौरा करने के बाद और वहां के […]
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