नयी दिल्ली: केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के मंत्री जीतेंद्र सिंह ने आज कहा कि यूपीएससी विवाद पर सरकार का फैसला ‘‘उचित समय’’ पर साझा किया जाएगा. इस बीच, सिविल सेवा परीक्षा के पैटर्न में बदलाव की मांग कर रहे परीक्षार्थियों का विरोध और तेज हो गया.
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद जीतेंद्र सिंह ने कहा, ‘‘जो भी निष्कर्ष होंगे उन्हें सरकार उचित समय पर साझा करेगी.’’ मंत्री से अरविंद वर्मा कमेटी की रिपोर्ट पर सरकार के फैसले का ब्योरा मांगा गया था. यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के पैटर्न में बदलाव की संभावनाओं पर विचार के लिए वर्मा समिति का गठन किया गया था. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सिविल सेवा परीक्षा मुद्दे पर चर्चा के लिए आज की बैठक राजनाथ सिंह के आवास पर आयोजित की गई थी. डीओपीटी के पूर्व सचिव अरविंद वर्मा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन इस साल मार्च महीने में किया गया था ताकि सिविल सेवा परीक्षा के पैटर्न में बदलाव की छात्रों की मांग पर विचार किया जा सके.
समिति ने गुरुवार को सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी और अब सरकार रिपोर्ट का अध्ययन कर रही है. राष्ट्रीय राजधानी सहित देश के कई अन्य हिस्सों में सिविल सेवा अभ्यर्भी प्रारंभिक परीक्षा के दूसरे प्रश्न-पत्र सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट (सीसैट) के पैटर्न में बदलाव की मांग कर रहे हैं ताकि किसी अनुसूचित भारतीय भाषा को अपना माध्यम बनाकर परीक्षा देने वाले छात्रों से भेदभाव खत्म किया जा सके. प्रदर्शनकारी छात्रों का आरोप है कि 200 अंकों के सीसैट के मौजूदा पैटर्न से अंग्रेजी माध्यम एवं विज्ञान पृष्ठभूमि वाले छात्रों को अनुचित फायदा होता है.
प्रदर्शनकारी छात्रों की यह मांग भी है कि 24 अगस्त को होने वाली प्रारंभिक परीक्षा की तारीख आगे बढाई जाए. इस बीच, कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के सैकडों कार्यकर्ताओं ने आज राजनाथ के आवास के बाहर प्रदर्शन किया और सीसैट खत्म करने की मांग की.