नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है. ईडी इस मामले में यह जांच करेगी कि कहीं यहां मनी लॉड्रिंग का कोई मामला तो नहीं बनता है. इस जांच को कांग्रेस ने एनडीए सरकार की साजिश बताया है.
पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा है कि यह सब राजनीतिक बदले की भावना से किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जब भाजपा विपक्ष में थी, तो वह यूपीए सरकार पर इस बात का आरोप लगाती थी कि वह सरकारी एजेंसियों का अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल करती है, लेकिन आज जबकि वह सत्ता में है, खुद सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग करने में जुटी है. उन्होंने कहा कि अगर भाजपा इसी तरह की राजनीति करेगी, तो यह देश की राजनीति की दुर्दशा कर देगी.
प्रवर्तन निदेशालय ने प्रारंभिक जांच शुरु कर दी है, अगर उसे प्रारंभिक जांच में मनीलॉड्रिंग का कोई मामला दिखेगा, तो प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जायेगी. ईडी ने यह जांच भाजपा नेता सुब्रह्मणयम स्वामी द्वारा दायर मामले के आधार पर की है. गौरतलब है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने इस मामले में जारी समन को अदालत में चुनौती दी है.
26 जून को निचली अदालत ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी सहित तीन अन्य लोगों को हेराल्ड मामले में समन जारी किया था, जिसमें उनसे यह स्पष्टीकरण मांगा गया है कि क्या उन्होंने कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर व्यक्तिगत फायदों के लिए पद का दुरुपयोग किया था.
स्वामी ने आरोप लगाया है कि नेशनल हेराल्ड की कुल संपत्ति दो हजार करोड़ की है और स्वामी ने सोनिया गांधी पर साजिश करने का आरोप लगाया है. गौरतलब है कि एसोसिएट जर्नल लिमिडेट के बैनर तले तीन अखबारों का प्रकाशन होता था.
उनमें से एक नेशनल हेराल्ड भी एक था. इस अखबार का संपादन पंडित जवाहर लाल नेहरु ने किया था. यह कंपनी वर्ष 2008 में बंद हो गयी थी. स्वामी ने इस मामले में मोतीलाल बोरा जो कांग्रेस पार्टी के सदस्य थे और एसोसिएट जर्नल के मैनेजिंग डाइरेक्टर थे, उनपर भी आरोप लगाया है.