बिहार की राजनीति में पिछले 20 वर्षों से एक दूसरे के धुर विरोधी रहे लालू प्रसाद और नीतीश कुमार ने एक बार फिर हाथ मिलाया है.
बिहार विधान सभा की 10 सीटों के लिए 21 अगस्त को होने वाले उपचुनाव में लालू, नीतीश और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर समझौता हो गया है.
बिहार की राजनीति में एक साथ अपने करियर की शुरुआत करने वाले लालू और नीतीश एक साथ मंत्री भी रहे थे.
लालू प्रसाद के नेतृत्व वाले बिहार मंत्रिमंडल में नीतीश कुमार एक वरिष्ठ मंत्री थे लेकिन कुछ मतभेदों के कारण नीतीश ने लालू मंत्रिमंडल से इस्तीफ़ा देकर 1994 में समता पार्टी का गठन किया था.
लालू प्रसाद के राष्ट्रीय जनता दल और नीतीश कुमार के जनता दल-यू के बीच गठबंधन की बात तो पिछले कुछ दिनों से चल ही रही थी लेकिन बुधवार को पटना में इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी गई.
सीटों पर समझौता
समझौते के अनुसार राजद और जद-यू चार-चार सीटों पर चुनाव लड़ेंगी जबकि कांग्रेस दो सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
ये सभी सीटें विधायकों के इस्तीफ़े के कारण ख़ाली हुई हैं. इस्तीफ़ा देने वाले पांच विधायक भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं.
पटना में राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे, जद-यू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में इसका ऐलान किया.
उन्होंने कहा कि तीनों पार्टियों के वरिष्ठ नेता सभी 10 सीटों पर संयुक्त प्रचार करेंगे.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)