पटना: शहर से खटाल हटाने के लिए चार दल गठित होगा. डीएम मनीष कुमार वर्मा ने पटना नगर निगम के चारों अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी को अपने-अपने अंचल क्षेत्र में थानाध्यक्ष के साथ मिल कर खटाल हटाने की जिम्मेवारी सौंपी है.
उन्होंने हाइकोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए शहरी क्षेत्र से कार्ययोजना के अनुरूप खटाल हटाने का निर्देश अधिकारियों को दिया. इसमें लापरवाही बरतने वाले अधिकारी के खिलाफ विभागीय अनुशासनिक कार्रवाई होगी. उन्होंने शहर से खटाल हटाने को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने कहा, खटाल हटाने के क्रम में किसी तरह का विरोध होने पर संबंधित लोगों पर एफआइआर की कार्रवाई की जाये. कार्यपालक पदाधिकारी व संबंधित थानाध्यक्ष को प्रत्येक दिन हलफनामा दायर कर की गयी कार्रवाई से अवगत कराना है.
लावारिस पशु के लिए काजी हाउस की व्यवस्था : पटना नगर निगम के नगर आयुक्त कुलदीप नारायण ने कहा कि नगर निगम के विभिन्न क्षेत्र में लावारिस पशु रखने के लिए काजी हाउस की व्यवस्था होगी. अवैध रूप से खटाल संचालित करने वाले संचालकों के पशुओं को इसमें रखा जायेगा. नियम के अनुसार अगर एक सप्ताह के अंदर कोई व्यक्ति पशु पर दावा प्रस्तुत करेगा, तो निर्धारित शुल्क लेकर पशु उपलब्ध करा दिया जायेगा. एक सप्ताह तक कोई दावा प्रस्तुत नहीं होने पर संबंधित पशु को नीलाम करने का प्रावधान है.
अब नगर आयुक्त व अपर आयुक्त में शुरू हुआ विवाद
मेयर अफजल इमाम के साथ विवाद अभी ठंडा भी नहीं पड़ा है कि नगर आयुक्त कुलदीप नारायण का अपर नगर आयुक्त प्रभु राम के साथ विवाद शुरू हो गया है. बुधवार को अपर नगर आयुक्त प्रभु राम ने नगर आयुक्त को पत्र लिखा कि अवमाननावाद संख्या 2924/07 में हाइकोर्ट द्वारा 22 अप्रैल, 2014 को पारित आदेश के आलोक में सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करना है. इसको लेकर 31 जुलाई को नयी दिल्ली प्रस्थान करूंगा. इस पर नगर आयुक्त ने रोक लगाते हुए टिप्पणी किया है कि अभी कहीं प्रस्थान नहीं करना है. टिप्पणी में यह भी कहा है कि 15 दिन पहले ही दिल्ली जाने के लिए अवकाश लिया था और यह काम तब भी हो सकता था. सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी फाइल करने का काम 20 अगस्त के बाद करेंगे.