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सहकारिता विभाग ने मांगे केंद्र से 102 व बिहार से 30 करोड़

रांची: झारखंड के सहकारिता विभाग ने केंद्र सरकार से 102.14 करोड़ रुपये की मांग की है. बिहार सरकार के पास भी झारखंड के सहकारिता विभाग का 30 करोड़ रुपये बकाया है. बिहार को पत्र लिखकर इसका जल्द भुगतान करने का आग्रह किया है. गौरतलब है कि सहकारिता के उद्देश्यों का अध्ययन करने के लिए भारत […]

रांची: झारखंड के सहकारिता विभाग ने केंद्र सरकार से 102.14 करोड़ रुपये की मांग की है. बिहार सरकार के पास भी झारखंड के सहकारिता विभाग का 30 करोड़ रुपये बकाया है. बिहार को पत्र लिखकर इसका जल्द भुगतान करने का आग्रह किया है. गौरतलब है कि सहकारिता के उद्देश्यों का अध्ययन करने के लिए भारत सरकार ने बैद्यनाथन कमेटी बनायी थी. कमेटी की अनुशंसा के आलोक में वर्ष 2008 में त्रिपक्षीय समझौता हुआ था. इसमें राज्य सरकार, भारत सरकार के अलावा नाबार्ड था. इसके तहत तय किया गया था कि झारखंड को केंद्र सरकार 102.14 करोड़ रुपये देगी. बैद्यनाथन कमेटी की सभी अनुशंसा को मानने के बाद भी झारखंड सरकार को इस राशि का भुगतान नहीं हुआ है.

159 में से 136 करोड़ रुपये दे दिया बिहार ने
बिहार सरकार पर भी झारखंड सरकार के सहकारिता विभाग ने 30 करोड़ रुपये का दावा किया है. झारखंड में पांच बैंकों का संचालन बिहार राज्य कोऑपरेटिव सोसाइटी से हो रहा था. आरबीआइ के हस्तक्षेप के बाद पांचों (तीन जमशेदपुर, एक हटिया और एक बोकारो) ब्रांच झारखंड को दे दिया गया. इसके साथ 159 करोड़ रुपये की दावेदारी भी बनती थी. इसमें से 136 करोड़ रुपये का भुगतान बिहार सरकार ने कर दिया है. शेष 23 करोड़ रुपये का भुगतान अब तक नहीं हुआ है. सूद सहित करीब 30 करोड़ रुपये का दावा बिहार से किया गया है.

के कस्तुरीरंगन के समक्ष रखी गयी थी मांग
योजना आयोग के सदस्य के कस्तुरीरंगन के झारखंड दौरे के समय भी यह मांग रखी गयी थी. उन्होंने इस मामले पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया था. इसी मुद्दे को लेकर तत्कालीन मुख्य सचिव आरएस शर्मा ने भी केंद्र सरकार को पत्र लिखा था. वर्तमान विभागीय सचिव केके सोन ने योजना विकास विभाग को पत्र लिखा है.

बिहार सहमत: इसी मुद्दे को लेकर 27 जून को बिहार और झारखंड के सहकारी बैंक के अधिकारियों के साथ बैठक हुई. इसमें बिहार राशि देने पर सहमत हो गया है.

बिहार और केंद्र से पत्रचार किया जा रहा है. उम्मीद है झारखंड के हक का पैसा मिल जायेगा. बिहार ने तो राशि देने पर सहमति भी जतायी है. राशि आने से सहकारी कार्यो को तेजी मिलेगी.

केके सोन, सचिव, सहकारिता

क्या है बैद्यनाथन कमेटी
भारत सरकार ने बैद्यनाथन कमेटी का गठन देश के सहकारिता व्यवस्था को मजबूत करने के लिए किया गया था. कमेटी ने अनुशंसा की थी कि सभी लैंपस व पैक्स में चुनाव के आधार पर कमेटी का गठन किया जायेगा. सभी सहकारिता बैंकों की एक केंद्रीय निगरानी होगी. बैंकों के लिए एक बोर्ड का गठन होगा. सहकारिता बैंकों को पारदर्शी बनायी जायेगा. राज्य सरकार ने इनका पालन कर लिया है. कमेटी ने इसके लिए सहयोग देने की अनुशंसा की थी. इसी आधार पर केंद्र सरकार से 102 करोड़ रुपये की मांग की

गयी है.

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