मुंबईः शहर भर में मंगलवार को मुस्लिम समुदाय के लोग भले ही ईद-उल-फित्र का त्योहार मना रहे हों, लेकिन स्थानीय कारोबारियों की बिक्री जो रमजान के महीने और विशेष तौर पर आखिरी सप्ताह में आम तौर पर बहुत अधिक होती थी, लेकिन इस बार 25-30 प्रतिशत तक घट गयी.
ग्राहक आम तौर पर रमजान के आखिरी दिनों में त्योहार से जुड़ी चीजें खरीदने बाजार जाते हैं और ईद के करीब आने पर कपड़े, जेवरात एवं खाद्य उत्पादों को खरीदते हैं. इस समय विभिन्न प्रकार के त्योहारी उत्पादों की बिक्री अपने चरम पर होती है. हालांकि कारोबारियों के मुताबिक, इस साल कारोबार सामान्य नहीं रहा, क्योंकि आवश्यक उत्पादों की बढ़ती कीमत से ईद की खरीदारी पर असर हुआ.
कपड़े के कारोबारियों के मुताबिक, इस साल रमजान के आखिरी दिनों में विभिन्न प्रकार के रंग-बिरंगी कपड़ों पर रियायत देने के बाद भी कारोबार बीते सालों के मुकाबले कम ही रहा. उनका कहना है कि कारोबार में करीब 30 फीसदी की कमी आयी है.देश के औद्योगिक महानगरी मुंबई का हाल तो और भी बुरा है. दक्षिण मुंबई के मोहम्मद अली रोड के कपड़ा व्यापारी मोइज लोखंडवाला ने कहा कि हर साल ईद के मौके में लोग कपड़े खरीदने आते हैं. यही मौका है, जब हम अपनी चीजों की कीमत आंशिक रूप से बढ़ा सकते हैं, हमें लगता है कि लोग बिना दोबारा सोचे खरीदारी करेंगे.
लेकिन अपने कपड़ों पर रियायत देने के बावजूद हमारा कारोबार करीब 30 प्रतिशत घटा. उन्होंने कहा कि लोग अब शायद ईद की खरीदारी पर खुले हाथ खर्च करने की बजाय मूल जरूरत को ज्यादा महत्व देने लगे हैं.वहीं, गहनों के कारोबारी आदिल मपारी ने कहा कि महिलाएं इस बार जेवरात खरीदने के मामले में सजग थीं. उन्होंने कहा कि बरसों-बरस से हर वर्ग की महिलाएं नकली जेवरात खरीदने दुकान पर आती थीं. इस बार हालात थोड़े अलग रहे. महिलाएं खरीदारी कर तो रही थीं, लेकिन कीमत जेवरात की ज्यादा बिक्री नहीं हुई.
इधर ग्राहकों की शिकायत रही कि हालांकि ईद एक ही बार आती है, लेकिन बढ़ती कीमत के कारण वे अपनी मर्जी से खरीदारी नहीं कर सके.ये तो देश के महानगरों में शुमार मुंबई के बाजार की बिगड़ी हुई स्थिति की बानगी थी, मगर देश के दूसरे हिस्से में तो लोग सोमवार को ही खरीदारी करने के लिए निकले. आम तौर पर रमजान के आधा बीतने के साथ ही लोग ईद की खरीदारी के चलते बाजार में रौनक छा जाती है.
उत्तर प्रदेश के रामपुर बाजार में तो पूरे रमजान मातमी माहौल छाया रहा और सोमवार को रौनक लौटी. राजस्थान के झालावाड़ और भवानीपुर में भी कमोवेश यही स्थिति रही. यहां के भी अधिकांश बाजार में सोमवार के पहले तक रौनक नहीं थी.
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