बीजिंग: चीन ने भारत-पाक सीमा विवाद में ना पडते हुए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चीनी लोगों की मौजूदगी को केवल सहयोगात्मक गतिविधि का हिस्सा बताया है. चीन ने कहा कि स्थानीय लोगों की आजीविका में सुधार करने के उद्देश्य से चीनी नागरिक वहां जाते है और रहते हैं.
रक्षा मंत्री अरुण जेटली की संसद में टिप्पणी की थी कि भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चीनी कर्मियों की मौजूदगी के बारे में अपनी चिंताओं से चीन को अवगत करा दिया है. इसपर चीन की विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के इतिहास का छूटा हुआ मुद्दा है और इसका समाधान भारत और पाकिस्तान के बीच होना चाहिए.
मंत्रालय ने एक सवाल के जवाब में खास तौर से कहा, ‘पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चीन की प्रासंगिक सहयोगात्मक गतिविधियां पूरी तरह से स्थानीय लोगों की आजीविका पर केन्द्रित हैं और यह किसी तीसरे पक्ष के प्रति लक्षित नहीं हैं.’ चीन निर्माण परियोजनाओं के साथ ही पाकिस्तान के साथ मिलकर पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को अपने शिंजियांग प्रांत से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के जरिये जोडने के लिए एक आर्थिक गलियारे के निर्माण की योजना को सक्रियता से आगे बढा रहा है.
अरबों डालर की इस परियोजना में राजमार्ग, रेल और पाइपलाइन निर्माण शामिल हैं. चीन के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर चीन के रुख का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘कश्मीर के मुद्दे पर हमारी स्थिति स्पष्ट और एकसमान है. कश्मीर मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच इतिहास का छूटा हुआ मुद्दा है.’ मंत्रालय ने कहा, ‘एक पडोसी देश और भारत और पाकिस्तान का मित्र होने के नाते चीन इसकी वकालत करता है कि कश्मीर मुद्दे का उचित समाधान भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता और मशविरे के साथ होना चाहिए.’ जेटली ने लोकसभा में कहा था कि भारत सरकार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चीन की मौजूदगी पर नजर रखती है और उन्होंने चीन से कहा है कि वह वहां ऐसी गतिविधियां बंद करे.
उन्होंने लोकसभा में पूछे गए एक लिखित प्रश्न के उत्तर में कहा था, ‘सरकार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चीनी गतिविधियों पर कडी नजर रखती है और उसने चीन को अपनी चिंताओं से अवगत करा दिया है और उससे ऐसी गतिविधियां बंद करने के लिए कहा है.’ उन्होंने कहा था कि सरकार अपने चीनी समकक्षों के साथ होने वाली नियमित बैठकों में मुद्दों पर चर्चा करती है और इसके साथ ही द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों के सभी पहलुओं पर चर्चा होती है. हाल के समय में वहां पर चीनी सैनिकों की मौजूदगी देखी गई है और कुछ वर्ष पहले सेना के अनुमानों के अनुसार उनकी संख्या करीब पांच हजार थी.ये सैनिक वहां पर मुख्य तौर पर निर्माण गतिविधियों में लिप्त थे.