सिलीगुड़ी: इंसेफलाइटिस ने अब मालदा जिले को भी अपने लपेटे में ले लिया है. पिछले कुछ दिनों से उत्तर बंगाल में इस बीमारी ने महामारी का रूप ले लिया है, पर मालदा में इस बीमारी से पीड़ित होने की एक भी घटना सामने नहीं आयी थी.
लेकिन जिले के हरिशचंद्रपुर निवासी मोजम्मल मोहम्मद (59) की मौत से यह स्पष्ट हो गया है कि इस खतरनाक बीमारी ने मालदा तक अपना पांव पसार लिया है.
मोहम्मद मुजम्मल की मौत उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में हो गयी. उसे पिछले दिनों यहां भरती कराया गया था. इस बीच, इंसेफलाइटिस से पिछले 24 घंटों में मुजम्मल मोहम्मद को लेकर दो लोगों की मौत हो चुकी है. इस तरह से जुलाई महीने में यहां इस बीमारी से मरनेवालों की संख्या बढ़ कर 84 हो गयी है. जलपाईगुड़ी जिले के मदारीहाट की रहनेवाली दस वर्षीय मुन्ना मुसारी की भी रविवार को मौत हो गयी है. यह जानकारी अस्पताल सूत्रों से मिली है. अस्पताल प्रबंधन ने इंसेफलाइटिस के बढ़ते मामलों को देखते हुए रविवार से चुप्पी साध ली है. पहले हर दिन ही नियमित रूप से प्रेस ब्रीफिंग होती थी और संवाददाताओं को इंसेफलाइटिस पीड़ितों के बारे में जानकारी दी जाती थी. लेकिन रविवार को नवनियुक्त अस्पताल अधीक्षक डॉ सब्यसाची दास ने इंसेफलाइटिस को लेकर नियमित प्रेस ब्रीफिंग बंद करा दी है. उनसे संपर्क करने पर उन्होंने कहा है कि इस संबंध में कोई भी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के निदेशक द्वारा दी जायेगी. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के निर्देशक डॉ विष्णु सतपथी ही इंसेफलाइटिस संबंधी किसी भी प्रकार की जानकारी देने के लिए अधिकृत किये गये हैं.
इंसेफ्लाइटिस को लेकर सावधानी जरूरी
विशेषज्ञों का मानना है कि इंसेफलाइटिस रोगियों के मालदा में इलाज के लिए आने से इस बीमारी के नये मामले सामने आये हैं. मालदा जिले में इस बीमारी से अभी कोई मौत नहीं हुई थी. लेकिन इंसेफलाइटिस से एक शख्स की मौत से बीमारी के फैलने की पुष्टि हो गयी है. विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर बंगाल से जाने वाली ट्रेनों के किसी यात्री को बुखार की शिकायत हो तो उसके रक्त की तत्काल जांच कर उसके इलाज का उचित प्रबंध किया जाना चाहिए. हावड़ा और सियालद स्टेशन पर उत्तर बंगाल से कई ट्रेनें पहुंचती हैं. सावधानी की जरूरत है. अन्यथा कोलकाता में भी यह बीमारी पैर फैला सकती है. कोलकाता में नगर निगम ने सुअरों की धर-पकड़ के लिए अभियान चलाया है.