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सानिया पर पूरे देश को नाज है

जरूरी है कि नेता हमेशा देश के बारे में सोचें और देश को मजबूत करने की नीयत से काम करें, न कि घृणा फैलाने वाले बयान दें. नफरत की राजनीति का दौर अब खत्म हो रहा है. लक्ष्मण के बयान और उसके बाद बने माहौल से राजनेताओं को सीख लेनी चाहिए. भाजपा के विधायक, के […]

जरूरी है कि नेता हमेशा देश के बारे में सोचें और देश को मजबूत करने की नीयत से काम करें, न कि घृणा फैलाने वाले बयान दें. नफरत की राजनीति का दौर अब खत्म हो रहा है. लक्ष्मण के बयान और उसके बाद बने माहौल से राजनेताओं को सीख लेनी चाहिए.

भाजपा के विधायक, के लक्ष्मण, ने सानिया मिर्जा को तेलंगाना का ब्रांड अंबेसडर बनाने का सिर्फ इसलिए विरोध किया क्योंकि सानिया की शादी एक पाकिस्तानी, शोएब मल्लिक, से हुई है और वह पाकिस्तान की बहू हैं. लक्ष्मण के बयान पर हंगामा होना तय था और ऐसा हुआ भी. लक्ष्मण हाल में बने तेलंगाना राज्य के भाजपा के बड़े नेता हैं. भाजपा इस बयान के नतीजे को समझ रही थी और इसी कारण उसने इससे खुद को अलग कर लिया. नेताओं का पहले आहत करनेवाला बयान देना और बाद में माफी मांग लेना या उसे निजी बयान बताना, आम बात हो गयी है. राजनीतिज्ञ का काम ही है राजनीति करना, पर उनके बयान का क्या असर पड़ता है, यह वे नहीं देखते.

तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव, जो टीआरएस के पार्टी प्रमुख भी हैं, ने सानिया मिर्जा को राज्य का ब्रांड अंबेसडर बनाया है. इस पर राजनीति क्यों? भाजपा नेता (लक्ष्मण) ने पहले कहा कि वह पाकिस्तान की बहू है, फिर कहा कि सानिया तेलंगाना की नहीं हैं. बाद में कहा- तेलंगाना राज्य बनाने में उनका कोई योगदान नहीं है. इन सारे सवालों का कोई महत्व नहीं है. सानिया ने भले ही एक पाकिस्तानी खिलाड़ी शोएब से शादी की हो, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि वह भारतीय नहीं हैं. भारतीय कानून में किसी भी लड़की को दूसरे देश के युवक से शादी करने पर रोक नहीं है. सानिया ने भी दूसरे देश के युवक से शादी की, इसमें आपत्ति क्या है? इस बात को नहीं भूलना चाहिए कि सानिया शादी के बाद भी भारत के लिए टेनिस खेलती हैं, पाकिस्तान के लिए नहीं. सानिया की शादी 2010 में हुई थी और उसके दो साल बाद जब 2012 में ओलिंपिक हुआ तो सानिया भारत की ओर से मैदान में न सिर्फ उतरीं, बल्कि कांस्य पदक जीता था. ओलिंपिक में पदक देश के खाते में जाता है, पदक तालिका में भारत के पदकों की संख्या बढ़ी थी. उस समय पूरा देश गौरवान्वित हुआ था. उस दिन लक्ष्मण कहां थे? क्या उन्हें खुशी नहीं हुई होगी कि भारत ने पदक जीता है? क्या उस समय उनके दिमाग में यह बात आयी थी कि यह पदक एक पाकिस्तानी बहू ने जीता है.

सानिया का यह बयान कि वह एक भारतीय है और मरते दम तक भारतीय रहेगी, उनकी देशभक्ति बताने के लिए काफी है. जिस महिला खिलाड़ी ने दुनिया भर में टेनिस में भारत का नाम ऊंचा किया हो, अनेक प्रतियोगिताएं जीतीं हो, फ्रेंच और आस्ट्रेलियाई ओपन (मिश्रित युगल) खिताब जीता हो, जिसने ओलिंपिक, एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व किया हो, उस पर कैसे अंगुली उठायी जा सकती है. इसी सानिया को पद्मश्री की उपाधि भारत सरकार ने दी है, अजरुन पुरस्कार मिला है. इसी सानिया मिर्जा ने मार्टिना हिंगिस, स्वेत्लाना, अजारेंका जैसी खिलाड़ियों को हरा कर दुनिया भर में भारत का नाम किया है. दुनिया उन्हें भारतीय खिलाड़ी के रूप में जानती है. इसलिए किसी एक नेता के कहने से वह पाकिस्तानी नहीं हो जाती.

पूरा देश सानिया के साथ जब खड़ा हो गया, तो लक्ष्मण ने नया दावं खेला कि सानिया तेलंगाना की नहीं हैं. ठीक है सानिया का जन्म महाराष्ट्र में हुआ था, लेकिन उनकी पढ़ाई-लिखाई हैदराबाद में हुई. उनके परिवार का हैदराबाद से सौ साल से ज्यादा का संबंध है. सानिया के दादा मोहम्मद जाफर हैदराबाद में इंजीनियर थे. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान गुलाम अहमद का उनके परिवार से संबंध रहा है. भारत एक देश है और यहां का नागरिक देश के किसी भी हिस्से में रह सकता है, नौकरी कर सकता है, वहां का ब्रांड अंबेसडर बन सकता है. इस पर कोई रोक नहीं है. लक्ष्मण को अपनी पार्टी से सीख लेनी चाहिए. अमिताभ बच्चन का जन्म कहां हुआ था? इलाहाबाद में. मुंबई उनकी कर्मभूमि बनी. आज मुंबई को भी अमिताभ पर नाज है. फिर गुजरात पर्यटन ने अमिताभ को अपना ब्रांड अंबेसडर चुना. नरेंद्र मोदी उन दिनों में मुख्यमंत्री थे. क्या किसी भाजपा के नेता ने यह सवाल उठाया कि अमिताभ गुजराती नहीं हैं, गुजरात राज्य बनाने में उनका योगदान नहीं था. अमिताभ जैसा व्यक्ति किसी एक राज्य की धरोहर नहीं हैं. ऐसा व्यक्ति राज्य की सीमा से ऊपर, राष्ट्र का होता है. ठीक उसी प्रकार सानिया से पूरे देश का नाम होता है.

अनेक उदाहरण हैं. मध्यप्रदेश भाजपा शासित राज्य है. हाल ही में मध्य प्रदेश ने ममता अभियान (सरकारी योजना) के लिए माधुरी दीक्षित को ब्रांड अंबेसडर बनाया. क्या माधुरी का जन्म मध्य प्रदेश में हुआ है? नहीं. उनका जन्म महाराष्ट्र में हुआ है. मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने माधुरी को ब्रांड अंबेसडर बनाया उनके कद और नाम को देख कर.

जरूरी है कि नेता हमेशा देश के बारे में सोचें और देश को मजबूत करने की नीयत से काम करें, न कि घृणा फैलाने वाले बयान दें. नफरत की राजनीति का दौर अब खत्म हो रहा है. लक्ष्मण के बयान और उसके बाद बने माहौल से राजनेताओं को सीख लेनी चाहिए.

अनुज कुमार सिन्हा

वरिष्ठ संपादक

प्रभात खबर

anuj.sinha@prabhatkhabar.in

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