साउथम्पटन: भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने रविंद्र जडेजा पर जुर्माना लगाये जाने से नाखुश हैं. धौनी ने आईसीसी के फैसले की कडी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि इस मामले में कई चीजों पर ध्यान नहीं दिया गया. धौनी ने कहा, यदि उनके खिलाडियों से दुर्व्यवहार होता है तो वे उसे नजरअंदाज नहीं कर सकते.
जडेजा को ट्रेंटब्रिज में इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन के साथ घटी घटना के लिये खेल भावना के खिलाफ आचरण करने का दोषी पाया गया जिसके लिये उन पर मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना किया गया. धौनी ने इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच की पूर्व संध्या पर कहा, निजी तौर पर यह मेरे लिये बेहद आहत करने वाला फैसला था. इस मामले में फैसला करते समय कई चीजों पर ध्यान नहीं दिया गया. भारतीय कप्तान ने ट्रेंटब्रिज की घटना के बारे में भी बताया.
उन्होंने कहा, यदि आप देखो कि वास्तव में क्या हुआ तो अंपायरों ने लंच की घोषणा की और हम पवेलियन की तरफ जाने लगे. मैं किसी अन्य खिलाडी का नाम नहीं लेना चाहता हूं. हम जा रहे थे और अन्य खिलाड़ी ने जडेजा के खिलाफ अपशब्दों का उपयोग करना शुरु कर दिया. जब हम सीमा रेखा तक पहुंचे तब मैंने सोचा कि स्थिति संभल गयी है. धौनी ने कहा, जब हम खिलाडियों के क्षेत्र में पहुंचे तो मैं जडेजा से आगे था. वह मेरे से थोड़ा पीछे था. फिर कुछ हुआ. उसके लिये कुछ कहा गया और फिर से उसे धक्का दे दिया गया. वह बमुश्किल अपना संतुलन बना पाया. वह यह देखने के लिये पीछे मुडा कि क्या हो रहा है और इस आधार पर उस पर जुर्माना लगा दिया गया.
धौनी ने फैसले पर कडा असंतोष जताया. उन्होंने कहा, कहा जा रहा है कि घटना खेल भावना के विपरीत थी लेकिन जो कुछ हुआ हम उसे नजरअंदाज नहीं कर सकते. यदि कोई आपको कुछ कहे और आप पीछे मुडकर देखो तो इसे आक्रामकता नहीं कहा जाएगा. विशेषकर तब जबकि लंच की घोषणा होने के बाद से ड्रेसिंग रुम में प्रवेश करने तक बल्ला जडेजा की बांह के नीचे था. उसने एक भी शब्द नहीं कहा. इसलिए कई चीजों पर ध्यान नहीं दिया गया. भारतीय कप्तान ने कहा, मुझे नहीं लगता कि जडेजा ने थोड़ा भी गुस्सा दिखाया गया होगा और इसलिए मैं फैसले से काफी आहत हूं. आईसीसी ने जडेजा को लेवल एक के तहत दोषी पाया और धौनी इसे भी हास्यस्पद मानते हैं.
उन्होंने कहा, आरोप लेवल दो के लगे थे और जडेजा को लेवल एक के लिये सजा मिली. लेवल एक की खासियत यह है कि आप उसके खिलाफ अपील नहीं कर सकते लेकिन बीसीसीआई और कानूनी टीम इस पर काम कर रहे हैं. हम निश्चित तौर पर फैसले से खुश नहीं हैं. सचाई क्या है मैंने बता दी है.
धौनी ने कहा, यदि कल मैं अपने खिलाडियों से कहता हूं कि मैदान पर कुछ भी नहीं कहें, तो यह फिर इस तरह से होगा कि जो कुछ भी होगा उसका हम पर मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना लगेगा. इसलिए मैं भी अपशब्दों का उपयोग कर सकता हूं क्योंकि अन्य खिलाड़ी के आपके लिये अपशब्द कहने पर भी आपको 50 प्रतिशत मैच फीस गंवानी ही है. भारतीय कप्तान ने इसके साथ ही कहा कि उन्होंने बीसीसीआई से कहा था कि वह निश्चित तौर पर चाहते हैं कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करे.