-पूर्व मेदिनीपुर के हजारों माकपा कार्यकर्ताओं ने भी पार्टी छोड़ी-
हल्दियाः राज्य व जिला कमेटी के कामकाज से नाराज होकर पूर्व मेदिनीपुर जिले के करीब तीन हजार माकपा नेताओं, कार्यकर्ताओं व समर्थकों ने पार्टी छोड़ दी. शनिवार को तमलूक के नीमतौड़ी में एक ऑडिटोरियम में पूर्व विधायक तथा हल्दिया नगरपालिका की पार्षद , माकपा के पूर्व सांसद लक्ष्मण सेठ की पत्नी, तमलिका पांडा सेठ, पांसकुड़ा के पूर्व विधायक अमीय साहू, नंदीग्राम के नेता व जिला कमेटी के पूर्व सचिव अशोक गुड़िया सहित अन्य ने उपस्थित होकर संवाददाताओं को इसकी जानकारी दी.
तमलिका पांडा सेठ ने कहा कि आज का दिन उनके लिए बेहद दुखद है. इसका कारण है कि आम लोगों के साथ अब माकपा नहीं है. लिहाजा आम लोगों की भावनाओं को देखते हुए पार्टी छोड़ने का उन्होंने फैसला किया है. 18 वर्षो से वह पार्टी के साथ थी. राज्य व जिला कमेटी के नियमों को वह मान कर काम करते थे. लेकिन नंदीग्राम की घटना को सामने रखकर मौजूदा तृममूल सरकार आगे बढ़ती गयी लेकिन पार्टी ने कोई कदम नहीं उठाया.
नंदीग्राम की घटना में उनके कई नेता व कार्यकर्ता शहीद हुए. कइयों को घर छोड़कर बाहर रहना पड़ रहा है. लेकिन पार्टी साथ नहीं खड़ी हुई. नंदीग्राम की घटना में झूठे मामले में फंसाकर उनके कई नेता-कार्यकर्ताओं को जेल जाना पड़ा. पार्टी ने उनकी भी सुध नहीं ली. जिले में पार्टी को मजबूत करने में लक्ष्मण सेठ का योगदान है लेकिन पार्टी उनके साथ न खड़ी होकर दल से बहिष्कृत कर दिया.
श्रीमती सेठ ने आरोप लगाया कि जिला कमेटी का दायित्व रबीन देव को दिया गया. लेकिन उन्होंने उन लोगों को तरजीह दी जो जनता से दूर हैं. धमकी के साये तले उन्होंने 18 महीने तक हल्दिया नगरपालिका को चलाया. पार्टी ने बगैर कारण बताये लक्ष्मण सेठ सहित जिले के कुल छह नेताओं को सस्पेंड कर दिया. ऐसी स्थिति में बाध्य होकर वह पार्टी छोड़ने को मजबूर हुई.