।।अनुप्रिया अनंत।।
फिल्म : किक
कलाकार : सलमान खान, जैकलीन फर्नाडीस, नवाजुद्दीन सिद्दिकी, रणदीप हुड्डा
निर्देशक : साजिद नाडियाडवाला
रेटिंग : 2 .5 स्टार
वाकई सलमान खान की फिल्में सलमान खान के फैन्स के दिल में उतरती हैं. मगर समझ नहीं आतीं. किक भी उन्हीं फिल्मों में से एक है. निश्चित तौर पर सलमान के फैन्स को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता. सलमान खान ने पिछले 20 सालों में जितने ईमानदार फैन हासिल किये हैं. सलमान के फैन्स के लिए सलमान भाई हैं, भाईजान हैं. जब भाईजान जब आते हैं तो तालियां और सिटियां ही बजती हैं. शायद ही किसी अभिनेता ने किये हों और यही वजह है कि सलमान खान की फिल्में उन्हें हर रूप में पसंद आती हैं.
सलमान खान की फिल्म किक इस बात का एहसास दिलाती है कि किस तरह सलमान के वास्तविक व्यक्तित्व का इस्तेमाल लगातार फिल्मों में उनकी दिखाई जा रही पर्सनैलिटी के लिए इस्तेमाल हो रहा है. गौर करें तो उनका रीयल रूप उनके रील रूप के लिए ब्रांड बनता जा रहा है. हो सकता है कि आनेवाले समय में सलमान के जेहन में या किसी अभिनेता के जेहन में मुनाफा कमाने की यह नयी तरकीब आये कि वह अपनी रियल इमेज का रील रूप में इस्तेमाल किये जाने पर भी रॉयलिटी या फिर कुछ प्रॉफिट की डिमांड करें. वक्त ब्रांडिंग और मुनाफे का है. सो, अनुपम खेर के शो के तर्ज पर इस इंडस्ट्री में होने को कुछ भी हो सकता है.
सलमान वास्तविक जिंदगी में दरियादिल हैं और वह समाज सेवा में बहुत यकीन करते हैं. कहा जा सकता है कि यह फिल्म बिइंग हुमन सलमान का रील रूपांतरण है. बिइंग हुमन के रूप में उन्होंने चैरिटी ट्रस्ट भी शुरू किया है. और इसके माध्यम से वह कई जरूरतमंदों की मदद भी करते हैं. सलमान का यही रूप किक में भी नजर आता है और इससे पहले फिल्म दबंग और जय हो में भी नजर आया है. चूंकि वह दरियादिल है. इसलिए वह कुछ भी कर सकता है. किसी की भी बजा सकता है. किसी को भी लूट सकता है. लेकिन वह यह सब समाज सेवा के लिए कर रहा न. तो क्या दिक्कत है. .सलमान खान की फिल्मों के निर्देशक इस बात का पूरा फायदा उठा रहे हैं और लगातार केवल उन्हें ध्यान में रख कर ऐसी स्क्रिप्ट लिख रहे. जिसमें सलमान ही सलमान नजर आयें. फिल्म किक भी इससे परे नहीं है.
किक सलमान की फिल्म है. यह पहले दृश्य से ही स्पष्ट है. किक का देवी दरियादिल है. यह पहले के कुछ दृश्यों में ही स्पष्ट हो जाता है. बिइंग rाुमन का फिल्म में जिक्र भी है. देवी को जिंदगी में किक चाहिए. इसलिए वह उटपटांग हरकतें करता है. लेकिन वह पढ़ने में उस्ताद है. सो, देवी के करियर ग्राफ पर कोई उंगली नहीं उठा सकता. वह इतना तेज तर्रार है कि उसने चार दिनों के अंदर एक लैब में क्लोन भी तैयार कर लिया था.लेकिन वह किसी एक काम पर नहीं टिकता. क्योंकि उसे किक की तलाश है. यह किक बाइक वाली किक नहीं. जिंदगी की किक है..जिसे करने में आपको खुशी मिले. उससे जिंदगी में किक मिलती है. अचानक एक बच्ची को टयूमर से बचाने के दौरान उसे एहसास होता है कि उसे देश के अन्य बच्चों की सेवा करना है और वह अपना लूटने का काम शुरू करता है. इसी क्रम में वह नवाज जो कि फिल्म में शिव के किरदार में हैं. उनसे टकराता है. नवाजुद्दीन इस फिल्म में शे स्टॉपर हैं. लेकिन अफसोस इस बात का है कि उन्हें अधिक दृश्य मिले ही नहीं हैं. वरना, जिस अंदाज में वह दर्शकों के सामने आये हैं. सबसे ज्यादा तालियां उनके दृश्यों पर ही बजी है. वे कई दृश्यों में सलमान पर हावी नजर आये हैं. मगर उनके खाते में शायद इसलिए कम दृश्य डाले गये ,ताकि सलमान का प्रभाव कम न हो जायें.
नवाज जिस तरह खलनायकी करते आये हैं. आनेवाले समय में वह बेहतरीन खलनायक अभिनेता भी बन सकते हैं. बशर्ते उनके किरदार को भी पूरी मजबूती प्रदान की जाये. उनकी खासियत है कि उन्हें खलनायक बनने के लिए कोई रूप धारण करने की जरूरत नहीं. बड़े बड़े नाखून, या बड़ी बड़ी आंखें, या बाल मुड़वाने की जरूरत नहीं. वह अपने चेहरे और संवाद की हरकतों से ही प्रभाव छोड़ दे रहे हैं. नवाज के अलावा रणदीप हुड्डा फिल्म में ध्यान खींचते हैं. उन्होंने कॉप के रूप में बेहतरीन भूमिका निभायी है. कई जगह पर फिल्म धूम 3 की तर्ज पर नजर आती है. जहां सलमान आमिर वाला किरदार, और रणदीप अभिषेक वाला किरदार निभा रहे होते हैं. फिल्म की खासियत फिल्म का दूसरा भाग है. फिल्म का अंत मजेदार है. जैकलीन के लिए फिल्म में करने के लिए ज्यादा संभावनाएं नहीं थी. लेकिन जितने भी दृश्य उन्हें मिले. उन्होंने बखूबी निभाया है. विपीन शर्मा, सौरभ शुक्ला, मिथुन चक्रवर्ती सामान्य नजर आये हैं. इन तमाम बातों के बावजूद सलमान जानते हैं और उनके फैन ये मानते हैं कि उनके दर्शकों के लिए किक उनकी ईदी है. सो, ईद मुबारक ..