नयी दिल्ली: संसद में आज कालाधन मामले पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बयान का जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि निशिकांत दीर्घायु हों, लेकिन उनके जीवन में ही विदेशों से काला धन वापस आ जायेगा. लोकसभा में वित्त वधिेयक पर चर्चा करते हुए जेटली ने निशिकांत पर चुटकी ली और उनके दीर्घायु होने की कामना की.
गुरुवार को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा था कि उनके जीते जी विदेशों से कालाघन वापस नहीं आ सकता और वित्त मंत्री भी इस बात को जानते हैं. इसपर अपने ही पार्टी के सांसद की टिप्पणी का उल्लेख करते हुए जेटली ने कहा कि कल निशिकांत अच्छा बोले , लेकिन यह कह गये कि उनके जीवन में कालाधन वापस नहीं आयेगा.
जेटली ने कहा कि निशिकांत के दीर्घायु होने की कामना के साथ उन्हें भरोसा दिलाता हूं कि उनके जीवन में ही कालाधन वापस आ जायेगा और उन्हें लंबा इंतजार नहीं करना पडेगा. जेटली ने कहा कि कालाधन के पनाहगाहों पर विश्व के कई देशों की ओर से जबर्दस्त दबाव बन रहा है और उन्होंने अब जानकारी उपलब्ध कराना आरंभ कर दिया है.
कालाधन पर निशिकांत ने दिया था बयान
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को सदन में वित्त विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता निशिकांत दुबे ने कहा था कि सरकार ने जो नीति अपनायी है, उसमें उनके जिंदगी में स्विटजरलैंड से कालाधन वापस नहीं ला सकते. दुबे ने कहा था कि स्विटजरलैंड में किसी भी कारोबारी से आप पूछ लें, क्योंकि आप बडे वकील है, और सभी लोगों से आपके संबंध भी हैं. हम जिंदगी में स्विटजरलैंड से कालाधन वापस नहीं ला सकते क्योंकि सभी लोगों ने ट्रस्ट बना रखा है.
वर्तमान नीति से इस जन्म में नहीं आयेगा काला धन:निशिकांत दूबे
जो स्विटजरलैंड के स्थानीय नागरिक हैं, वे उनकी कर्मचारी के तौर पर देखरेख करते हैं. भाजपा सांसद ने कहा था कि आप वहां से जो पैसा और नाम मांगेगे, वह भारतीयों के मांगेंगे. ट्रस्ट या ट्रस्टी का मांगने का सवाल ही नहीं है. जब यह नहीं मागेंगे तो स्विटजरलैंड से कालाधन वापस कैसे आयेगा।
जेटली कैंप से बाहर के माने जाते रहे हैं निशिकांत
वित्त मंत्री अरूण जेटली पार्टी के कद्दावार नेताओं में गिने जाते हैं. पार्टि के शिर्ष नेताओं के रूप में भी जेटली का नाम आता है. निशिकांत पार्टी के दूसरे बडे नेता राजनाथ सिंह के करीबी माने जाते हैं. लोकसभा चुनाव 2009 में पार्टी की ओर से गोड्डा लोकसभा सीट से टिकट दिये जाने का जेटली ने विरोध किया था. इस बात पर उनकी तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह से मनमुटाव भी हुआ था. हालांकि कभी भी इस मामले पर जेटली ने ज्यादा विरोध प्रदर्शित नहीं किया. लेकिन इसके बाद उन्होंने संसदीय कमेटी की कई बैठकों में भी भाग नहीं लिया.
उसके बाद मोदी सरकार बनने के बाद से भाजपा आपसी मतभेद देखने का मौका अभीतक नहीं मिला है.निशिकांत दुबे गोड्डा से भाजपा के सांसद हैं और ये काफी पुराने युवा कार्यकर्ता हैं. प्रारंभ में निशिकांत उमा भारती टीम का हिस्सा थे. इस दौरन उनका औद्योगिक घरानों में भी अचछी पैठ जम गयी थी. जो आज भी बरकरार है.
अपने ही सांसद के बयान से भाजपा की किरकिरी
भाजपा के गोड्डा संसदीय क्षेत्र के निशिकांत दुबे के इस बयान से कि उनके जीते जी विदेशों से कालाधन नहीं आ पायेगा, भाजपा की काफी किरकिरी हो रही है. पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी कालाधन वापस लाने को शामिल किया था. इसके बाद से विपक्ष ने सरकार पर कई बार आरोप लगाया कि जनता को बरगलाने के लिए कालाधन का मामला उठाया जा रहा है. जबकि मोदी ने सरकार गठन के दूसरे दिन ही कालाघन वापसी को गंभीर मुद्दा बताते हुए इसपर एसआईटी का गठन कर दिया था. ऐसे में पार्टी के ही सांसद का सदन में यह कहना कि कालाधन वापस ही नही आ सकता, सरकार पर प्रश्नचिन्ह लगाता है. साथ ही विपक्ष और जनता के बीच पार्टी की किरकिरी भी हो रही है.