भागलपुर: पक्कीसराय के आठ ग्रामीणों की हाइड्रोसिल ऑपरेशन के नाम पर नसबंदी करने के मामले की जांच शुरू हो गयी है. प्रभारी सीएस डॉ रामचंद्र प्रसाद ने 19 जुलाई को जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ अशरफ रिजवी को जांच का निर्देश दिया था पर वे पटना कार्यालय के कार्य से गये थे जिस वजह से जांच शुरू नहीं हो पायी था. गुरुवार को जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ अशरफ रिजवी पक्की सराय पहुंचे और तीन पीड़ितों से बातचीत की.
अन्य पांच पीड़ितों से उनकी मुलाकात नहीं हो पायी. डॉ रिजवी ने विनोद तांती, सुभाष तांती और गणोश तांती से बात कर उनका बयान दर्ज किया है. इसके बाद उन्होंने गांव के ही तथाकथित चिकित्सक निरंजन से भी बात की. बातचीत के दौरान निरंजन ने चिकित्सक को बताया कि हाइड्रोसिल का ऑपरेशन गांव के लोगों को कराने को अस्पताल में कहा गया पर वे लोग तैयार नहीं हुए थे. सबको नसबंदी के बारे में ही कह कर ले जाया गया था.
हालांकि निरंजन ने पिता-पुत्र के ऑपरेशन में उम्र की गड़बड़ी का जवाब नहीं दिया. चूंकि ऑपरेशन के दौरान पिता और पुत्र के उम्र के बीच आठ वर्ष का ही अंतर दिखाया गया है. इसके अलावा जिनकी भी नसबंदी की गयी थी सबकी उम्र की रिपोर्ट गलत लिखी गयी थी. जांच टीम को पूरी स्थिति की जानकारी गुरुवार को नहीं मिल पायी. बता दें कि 11 जुलाई को सूर्या क्लिनिक के माध्यम से सदर अस्पताल में घोघा के पक्की सराय के आठ तांती परिवार के सदस्यों का हाइड्रोसिल के नाम पर नसबंदी कर दी गयी थी. इसमें तीन लोग ऐसे थे जिनकी पत्नी का पूर्व में ही बंध्याकरण भी हो चुका था. 19 जुलाई को प्रभात खबर ने हाइड्रोसिल ऑपरेशन के नाम पर नसबंदी शीर्षक से यह खबर प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया. इस पर संज्ञान लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू की है.