निरसा/मुगमा: एनएच टू पर दिल्ली लेन के पास शासनबेड़िया में बुधवार सुबह इसीएल की परित्यक्त कोयला खदान में आग भड़कने से अफरा-तफरी मची हुई है. आसपास का क्षेत्र काले धुएं से भर गया है.
इसके कारण माड़मा व शासनबेड़िया गांव के लोग दहशत में हैं. इसीएल की सेफ्टी टीम ने सुरक्षा को ले लखीमाता खदान में उत्पादन रोक दिया है. आग पर काबू पाने का प्रयास शुरू कर दिया गया है. जहां तक आग पहुंची है वहां से जीटी रोड की दूरी महज 20 मीटर है. इसके अलावा लखीमाता खदान की स्टॉपिंग को भी खतरा है. आग की स्पीड से स्टॉपिंग ध्वस्त हो सकती है. इस खदान की 17 नंबर स्टापिंग आग से काफी गरम हो चुकी है.
अवैध खनन के कारण आग : परित्यक्त खदान लखीमाता की वृंदावनपुर क्वायरी में काफी लंबे समय से अवैध खनन चल रहा है. रात में भी यहां से अवैध खनन कर लोग सुबह मुहाना से निकले. उनके निकलते ही निकट की भूमिगत आग भड़क गयी. सूचना पाकर सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंच गये. एनएच के किनारे आग की सूचना से इसीएल मुगमा क्षेत्रीय जीएम पीके सिंह, एजीएम पीआर मित्तल समेत अन्य अधिकारी पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया. शाम होते-होते आग ने भयावह रूप धारण कर लिया.
सेफ्टी टीम पहुंची : इसीएल की सेफ्टी टीम भी मौके पर पहुंची. टीम ने आग की भयावहता को देखते हुए लखीमाता कोलियरी से तत्काल उत्पादन रोक दिया और मजदूरों को खदान से बाहर बुला लिया गया. टीम का नेतृत्व एल महतो कर रहे थे. बाद में रेस्क्यू टीम भी यहां पहुंची. जानकारों का कहना है कि आग 230 किमी प्रति घंटा की स्पीड से बढ़ रही है.
ग्रामीणों में आक्रोश : आग से माड़मा व शासनबेड़िया के ग्रामीणों में काफी आक्रोश दिखा. माड़मा के ग्रामीणों का कहना था कि वे पांच वर्षो से लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन इसीएल प्रबंधन सिर्फ भराई की खानापूर्ति कर रहा है. मौके पर इसीएल के अलावा, प्रशासनिक अधिकारियों, इसीएल सिक्यूरिटी व सीआइएसएफ को ग्रामीणों की फजीहत सहनी पड़ी.