भागलपुर: प्रयाग ग्रुप के उपभोक्ताओं को साल भर से दौड़ाया जा रहा, लेकिन उनके जमा पैसे नहीं मिल रहे हैं. अप्रैल 2013 में भागलपुर जोन का कार्यालय बंद होने के बाद से यहां उपभोक्ताओं और एजेंट को रोजाना चक्कर लगाना पड़ रहा है.
10 दिन पहले एक बार मोजाहिदपुर स्थित कार्यालय खुलने पर हंगामा की स्थिति बनते देख ग्रुप के अधिकारी ने कार्यालय बंद कर दिया. कोर्ट के आदेश व डीएम के निर्देश पर पिछले तीन दिनों से कार्यालय खुल रहा है और रोजाना हंगामा हो रहा है. बुधवार को आक्रोशित एजेंट और उपभोक्ताओं के सब्र का बांध टूट पड़ा. इन लोगों ने कार्यालय में जम कर हंगामा किया. इसके बाद ग्रुप के अधिकारियों को पुलिस प्रशासन की मदद लेनी पड़ी. पुलिस प्रशासन के बीच-बचाव के बाद भी उपभोक्ताओं व एजेंट का आक्रोश थमा नहीं. दिन भर ऑफिस में अपने पैसे के लिए उपभोक्ता हंगामा करते रहे. उपभोक्ता पैसे का भुगतान व कंपनी पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग कर रहे थे.
प्रयाग ग्रुप के भागलपुर जोन में भागलपुर, बांका, मुंगेर व जमुई जिला आता है. इसलिए यहां पर इन स्थानों से रोजाना 200 से 300 की संख्या में उपभोक्ता व एजेंट आते हैं. उपभोक्ता जहां अपने लगाये पैसे की वापसी के लिए परेशान हैं तो एजेंट को दोहरी परेशानी ङोलनी पड़ रही है. एक अपना पैसा वापसी और दूसरा उपभोक्ताओं को उनके पैसे चुकाने की परेशानी.
कोई एजेंट जमीन बेचने को विवश है तो कोई एजेंट पैसे चुकाने के डर से दिल्ली, पंजाब या अन्य स्थान चला गया है. उपभोक्ताओं का कहना है भागलपुर जोन में कंपनी का कारोबार छह करोड़ प्रति माह था, लेकिन वापसी के नाम पर 80 हजार रुपये प्रतिदिन भागलपुर जोन को देने की बात की जा रही है. कंपनी के ऊपर प्रशासनिक तौर पर भी प्राथमिकी दर्ज की गयी है, लेकिन न ग्राहकों को पैसा का भुगतान किया जा रहा है और न ही कंपनी पर कार्रवाई की जा रही है. उपभोक्ताओं ने बताया एक ओर जहां उनलोगों का लाखों-लाख बकाया है, उन्हें केवल पांच हजार रुपये प्रतिदिन मिल रहा है. वह भी 16 उपभोक्ताओं को. वैसे उपभोक्ताओं को जो पहले लाइन में लग कर अपनी राशि ले ले. ऐसे में मुंगेर व जमुई से आने वाले उपभोक्ताओं को लौट कर वापस जाना पड़ रहा है. पंक्ति में आगे आने के लिए भी विवाद होता है.