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69 लोगों की मौत के बाद जागा प्रशासन

जलपाईगुड़ीःजलपाईगुड़ी जिले से अलग होकर नवगठित अलीपुरद्वार जिले को भी दिमागी बुखार इंसेफ्लाइटिस ने अपनी चपेट में ले लिया है. अलीपुरद्वार महकमा अस्पताल में हर दिन ही बुखार से पीड़ित लोग अपने रक्त के नमूने की जांच के लिए यहां आ रहे हैं. परंतु इस अस्पताल में ढांचागत सुविधाओं का घोर अभाव है. इस अस्पताल […]

जलपाईगुड़ीःजलपाईगुड़ी जिले से अलग होकर नवगठित अलीपुरद्वार जिले को भी दिमागी बुखार इंसेफ्लाइटिस ने अपनी चपेट में ले लिया है. अलीपुरद्वार महकमा अस्पताल में हर दिन ही बुखार से पीड़ित लोग अपने रक्त के नमूने की जांच के लिए यहां आ रहे हैं. परंतु इस अस्पताल में ढांचागत सुविधाओं का घोर अभाव है. इस अस्पताल में रक्त के नमूने की जांच तक की व्यवस्था नहीं है. प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले दो सप्ताह के दौरान इंसेफ्लाइटिस के 15 संदिग्ध रोगी यहां भरती हैं.

इसके अलावा और भी करीब 10 लोगों के रक्त के नमूने जांच के लिए उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल सिलीगुड़ी भेजा गया है. बीमारी की गंभीरता को देखते हुए कल यहां रोगी कल्याण समिति की एक उच्च स्तरीय बैठक होगी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बैठक में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे. सूत्रों ने आगे बताया है कि अलीपुरद्वार जिले में अब तक इस बीमारी ने महामारी का रूप नहीं लिया है, लेकिन यदि एहतियाती कदम नहीं उठाये गये तो इस बीमारी के गंभीर रूप धारण कर लेने की आशंका है. महकमा अस्पताल प्रबंधन ढांचागत सुविधाओं के अभाव के कारण चिंतित हैं. इस बीमारी से पीड़ित लोगों की भरती के लिए अलग से कोई वार्ड की व्यवस्था नहीं की गई है.

इसके अलावा अलीपुरद्वार नगरपालिका ने भी साफ-सफाई की दिशा में अब तक कोई खास पहल नहीं की है. नगरपालिका सूत्रों ने बताया है कि मच्छर मारने के तेल से लेकर ब्लीचिंग पावडर तक का अभाव बना हुआ है. स्वास्थ्य विभाग ने पिछले कई महीनों से इसकी आपूर्ति नहीं की है. नगरपालिका ने आपात स्थिति में अपनी एक प्रतिनिधि को कोलकाता भेजा है. नगरपालिका सूत्रों ने बताया कि कोलकाता में स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों से बातचीत कर ब्लीचिंग पावडर तथा मच्छर मारने के तेल मंगाने की व्यवस्था की जा रही है. महकमा अस्पताल में ढांचागत सुविधाओं के अभाव की बात अस्पताल अधीक्षक सुजय विष्णु ने भी स्वीकार की है. उन्होंने कहा है कि इंसेफ्लाइटिस से पीड़ित रोगियों की चिकित्सा के लिए जिस ढांचागत सुविधाओं की जरूरत है, वह इस अस्पताल में उपलब्ध नहीं है. जिसकी वजह से काफी परेशानी हो रही है. हालांकि महकमा अस्पताल में फिवर क्लीनिक चालू कर दिया गया है. किसी भी प्रकार की बुखार से पीड़ित रोगी यहां अपनी जांच कराने के लिए आ सकते हैं. इस फिवर क्लीनिक में रोगियों का तांता लगा हुआ है. आम लोगों में इस बीमारी को लेकर काफी आतंक है.

इसलिए थोड़ा सा बुखार होने पर ही जांच के लिए लोग इस फिवर क्लीनिक में आ रहे हैं. स्थिति यह है कि मामूली बुखार से पीड़ित लोग भी इंसेफ्लाइटिस होने की डर से आतंकित हैं. ऐसे रोगियों के रक्त के नमूने की जांच की यहां कोई व्यवस्था नहीं है. रक्त की नमूने की जांच के लिए उसे उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भेजना पड़ता है. दूसरी तरफ नगरपालिका के वाइस चेयरमैन गौतम तालुकदार भी ढांचागत सुविधाओं के अभाव का रोना रो रहे हैं. उन्होंने कहा है कि हर वर्ष ही राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर ब्लीचिंग पावडर, मच्छर मारने की तेल एवं डीडीटी की आपूर्ति की जाती है, लेकिन इस वर्ष अब तक इसकी आपूर्ति नहीं हुई है. उन्होंने कहा है कि कोलकाता से मच्छर मारने के तेल एवं ब्लीचिंग पावडर के आने के साथ ही विभिन्न स्थानों पर इसका छिड़काव शुरू कर दिया जायेगा.

नालों की नहीं होती सफाई

दूसरी तरफ अलीपुरद्वार नगरपालिका इलाके में कई स्थानों पर अभी भी जल जमाव की समस्या देखी जा रही है. स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि नगरपालिका क्षेत्र में नालों की सफाई नियमित रूप से नहीं होती है जिसकी वजह से कई नालों में जल जमाव की समस्या है. यहां मच्छरों के पनपने की संभावना काफी अधिक होती है. फिर भी नगरपालिका ने किसी भी प्रकार का कोई कदम नहीं उठाया है. नगरपालिका की इस उदासीनता को लेकर स्थानीय लोगों में काफी रोष है. विभिन्न वार्डो के लोगों ने नगरपालिका से शीघ्र ही विभिन्न स्थानों पर साफ-सफाई के साथ ही मच्छर नाशक तेल एवं ब्लीचिंग पावडर के छिड़काव की मांग की है.

इंसेफ्लाइटिस : 69 लोगों की मौत के बाद जागा प्रशासन

दिमागी बुखर इंसेफ्लाइटिस से अब तक 69 लोगों की मौत के बाद लगता है दाजिर्लिंग जिला प्रशासन की नींद खुली है. इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुए राज्य स्वास्थ्य विभाग ने तीन दिनों पहले ही रेड अलर्ट जारी कर दी थी, लेकिन दाजिर्लिंग जिला प्रशासन ने आज यहां सिलीगुड़ी महकमा परिषद भवन में आपात बैठक की. इस बैठक में जिला शासक पुनीत यादव के साथ ही स्वास्थ्य विभाग, प्राणी संपदा विभाग, शिक्षा, पीएचई तथा सिलीगुड़ी नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. इस बैठक में दाजिर्लिंग जिले के विभिन्न महकमा के महकमा शासक तथा ब्लॉक के बीडीओ भी शामिल हुए. बैठक खत्म होने के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए जिला शासक पुनीत यादव ने कहा कि इंसेफ्लाइटिस की बीमारी से लड़ने के लिए प्रशासनिक स्तर पर सभी तैयारियां कर ली गई हैं. उन्होंने कहा कि भले ही हर ओर इस बीमारी को लेकर आतंक हो, लेकिन वास्तविकता यह है कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष कम लोगों की मौत हुई है. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष इस बीमारी की वजह से 124 लोगों की मौत हुई थी. श्री यादव ने आगे बताया कि दाजिर्लिंग जिले में 88 लोगों के इस बीमारी से पीड़ित होने की खबर है. इन सभी के इलाज की पूरी व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने आगे बताया कि जिले में इंसेफ्लाइटिस सहित अन्य प्रकार के बुखारों से इस वर्ष 24 लोगों की मौत हुई है. जिले के माटीगाड़ा तथा नक्सलबाड़ी इलाके में इस बीमारी के मामले कुछ अधिक पाये गये हैं. जिन-जिन इलाकों में इंसेफ्लाइटिस का प्रभाव है, उन इलाकों की पहचान की जा रही है. यह बीमारी और अधिक नहीं फैले, इसके लिए सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही है.

सुअरों को दूर रखने की हिदायत

उन्होंने आगे कहा कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सुअर की वजह से इस बीमारी के फैलने की बात कही है, इसलिए प्राणी संपदा विभाग के अधिकारियों को विभिन्न इलाकों में सुअरों पर निगरानी रखने के लिए कहा गया है. विभिन्न इलाकों में सुअरों की समीक्षा का काम शुरू हो गया है. आबादी वाले इलाके में यदि कहीं सुअर पाये गये, तो उसे हटाने की व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने कहा कि सुअरों को किसी भी घर से करीब 100 मीटर दूर रखना होगा. प्राणी संपदा विभाग के अधिकारियों के साथ ही पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टरों को सुअरों की जांच के काम में लगाया गया है. उन्होंने आगे बताया कि सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र के विभिन्न वार्डो में फोगिंग मशीन के जरिये मच्छर मारने का काम शुरू हो गया है. विभिन्न वार्डो में लोगों को जागरूक करने के लिए माइकिंग भी करायी जा रही है. उन्होंने कहा कि जिस इलाके में फोगिंग मशीन से मच्छर मारने का काम हो रहा है उस इलाके के लोगों से उस दौरान अपने घरों के दरवाजे और खिड़कियां खुली रखने की अपील की गई है. इस बीच, सिलीगुड़ी नगर निगम के वार्ड नंबर 6, 32 तथा 41 सहित कई वार्डो में आज सिलीगुड़ी नगर निगम ने फोगिंग मशीन के जरिये मच्छर मारने का काम शुरू कर दिया है. इसके अलावा विभिन्न स्थानों पर ब्लीचिंग पावडर तथा मच्छर नाशक तेल का भी छिड़काव किया जा रहा है.

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