नयी दिल्ली: देश में हर 6 घंटें में एक व्यक्ति की मौत मुंह के कैंसर से हो जाती है. एक वरिष्ठ दंत विशेषज्ञ के मुताबिक इस तरह के बढते मामले इस बीमारी के विस्तार की ओर संकेत कर रहे हैं. यह एक बडे खतरे की भी इंगित करता है. इंडियन डेंटल एसोसिएशन के महासचिव डॉ. अशोक धोबले ने मुंबई बताया कि यह स्थिति और भी गंभीर हो सकती है क्योंकि कई सारे मामलों में रोग का पता ही नहीं चलता.
उन्होंने इस बात पर ध्यान दिलाते हुए कहा कि ग्रामीण इलाकों और समाज के गरीब तबकों में इस तरह की बीमारी और उससे होने वाली मृत्यु के मामले मुश्किल से ही पंजीकृत हो पाते हैं. उन्होंने कहा कि सिगरेट पीने वालों और तंबाकू के अन्य उत्पादों के बढते प्रयोग के कारण भारत में पिछले दशक में मुंह के कैंसर के मरीजों की संख्या में जबर्दस्त इजाफा हुआ है.
हालांकि डॉ. धोबले ने बताया कि मुंह के कैंसर के मामले कैंसर से संबंधित अन्य सभी बीमारियों का लगभग 40 प्रतिशत हैं. देश में खासकर पूर्वोत्तर राज्य इससे ज्यादा प्रभावित हैं.
उन्होंने कहा कि सभी पूर्वोत्तर राज्य इस बीमारी से बुरी तरह से प्रभावित हैं. पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, गुजरात और तमिलनाडु जैसे राज्य भी इससे प्रभावित हैं. उन्होंने यह भी बताया कि इन राज्यों में हर तीसरा व्यक्ति तंबाकू से संबंधित उत्पाद का प्रयोग करता है.
इस घातक बीमारी के प्रसार को रोकने के उपायों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि केवल कुछ तंबाकू उत्पादों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना ही एकमात्र रास्ता नहीं है. बल्कि प्रत्येक तंबाकू उत्पाद पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए.