नयी दिल्ली:कांग्रेस के बुरे दिन चल रहे हैं. कुछ दिन पहले तक ही सत्ता पर काबिज कांग्रेस को उनके अपने ही छोड़ कर जा रहे हैं. कभी सांप्रदायिकता के नाम पर कांग्रेस के साथ संबंध बनाने वाले ये वही दल हैं जो सत्ता में कांग्रेस के साथ थे. जानकारों की माने तो राजनीति में बेमेल गठबंधनों का हश्र वही होता है जो जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के बीच होने जा रहा है. छह साल पहले बना गठबंधन बिखर गया है.
दिल्ली में विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद से ही यूपीए के गंठबंधन की गांठ खुलने लगी थी. एक-एक कर सब कांग्रेस से किनारा करने में लग गये थे. कांग्रेस के साथ मिलकर धर्मनिरपेक्षता को मजबूत करने का दावा करने वाले द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम, तृणमूल कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति, एमडीएमके, झारखण्ड विकास मोर्चा, पीएमके सरीखे दल लोकसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस को मझधार में छोड़कर निकल गये थे.
अब लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी छह सीटों पर करारी हार के बाद जम्मू कश्मीर में भी नेशनल कांफ्रेंस ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है. कांग्रेस जब सत्ता में थी तो उससे गठजोड़ करने के लिए राजनीतिक दल बहाना ढूंढ़ा करते थे. कोई धर्मनिरपेक्ष ताकतों को मजबूत करने के नाम पर तो कोई साम्प्रदायिक ताकतों को रोकने के नाम पर. वहीं खबरों की माने तो महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ साझा सरकार में शामिल एनसीपी और झारखण्ड में झारखण्ड मुक्ति मोर्चा भी साथ छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं.