कोलेबिरा-मनोहरपुर पथ स्थित देवनदी में बढ़ा पानी, पार जाने के लिए पुल नहीं
बानो (सिमडेगा) : कोलेबिरा-मनोहरपुर पथ स्थित देवनदी में पानी बढ़ जाने से बानो प्रखंड का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है. इससे 92 गांव में रहनेवाले लगभग एक लाख आबादी प्रभावित हुई है. प्रशासन कोई सकारात्मक पहल नहीं कर रहा है. लोगों को परेशानी बढ़ने लगी है. बानो प्रखंड के अलावा मनोहरपुर व आनंदपुर प्रखंड तक भी लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही है.
पुल नहीं रहने के कारण दो हजार बच्चे पढ़ने नहीं जा पा रहे हैं. कुछ बच्चे जान हथेली पर रख कर नदी पार हो रहे हैं. बानो को जोड़ने के लिए तीन मार्ग है. बानो से कोलेबिरा होते हुए सिमडेगा, दूसरा मार्ग बानो से केतुंगा, लचारगढ़ होते हुए सिमडेगा, तीसरा मार्ग बानो से बोरोसेता, लसिया होते हुए कोलेबिरा सिमडेगा जाया जा सकता है. लेकिन तीनों मार्ग की स्थिति खराब है. लचारगढ़ से बरसलोया तक सड़क खराब है. बरसलोया के समीप बड़े-बड़े गड्ढे हैं. वहीं केतुंगा के पास संवेदक के द्बारा सड़क में ही रोलर छोड़ देने के कारण मार्ग अवरूद्ध है. लसिया मार्ग में बोरोसेता के समीप पुल नहीं बनाया गया है.
इस मार्ग पर वाहन का चलना मुमकिन नहीं है. कोलेबिरा-मनोहरपुर पथ में रोजाना 100 से 200 छोटे बड़े वाहन चलते हैं. सभी वाहनों का परिचालन ठप है. मनोहपुर से जानेवाली बस बानो में व कोलेबिरा से आने वाली बस लचारगढ़ तक ही जा रही है. बानो प्रखंड का संपर्क जिला मुख्यालय से कटने से लगभग एक लाख से अधिक लोग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से प्रभावित हो गये हैं. रांची से आनेवाला राशन सामग्री का दाम बढ़ सकता है. पेट्रोल-डीजल पंप में आने में परेशानी होती है.
बानो रेलवे सेक्शन का बड़ा रेलवे स्टेशन है. यहां लचरागढ़, कोलेबिरा, जलडेगा के हजारों ग्रामीण रेल में यात्रा करने के लिए आते हैं. पुल के कारण समय से स्टेशन पहुंचा मुकम्मल नहीं हो रहा है. बैंक में कैश आने में परेशानी हो गयी है. यहां पांच बैंक है. ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द कोई वैकिल्पक व्यवस्था करने की मांग की है.
प्रशासन बेपरवाह ग्रामीणों ने की पहल
बानो (सिमडेगा) : प्रशासनिक उपेक्षा से तंग आकर बानो प्रखंड के कनारोंवा पंचायत के लोगों ने देवनदी में बांस का पुल निर्माण कर रहे हैं. पुल लगभग तैयार है. ग्रामीणो ने बताया कि दो दिन के अंदर पुल बन कर तैयार हो जायेगा. प्रखंड के कोयलाबेड़ा के समीप श्रमदान कर पंचायत के ग्रामीणों ने 40 मीटर लंबा, व चार फुट चौड़ा बांस पुल का निर्माण किया जा रहा है.
पंचायत के प्रत्येक परिवार के लोग बांस लाकर पुल का निर्माण में सहयोग कर रहे हैं. रेलवे के पदाधिकारियों ने बेकार पड़े स्लैव को पुल निर्माण के लिए दे दिया है. ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत की ग्राम सभा कर पुल निर्माण के लिए पहल की गयी. बांस का पुल बनने से पंचायत के 10 से अधिक गांव लाभान्वित होंगे. इसमें कोयला बेड़ा, कनारोवा, टाटी, बरबेड़ा, झरिया डीपा, जराकेल, सबाटोली व अन्य गांव के लोग आ-जा सकते हैं. बच्चों की पढ़ाई-लिखाई अब बाधित नहीं होगी.