मोदी सरकार देश के विकास को गति देना चाहती है इसीलिए उसने देश में बुलेट ट्रेन, तेज रफ्तार की अन्य गाड़ियां और प्रीमियम एसी रेलगाड़ियां चलाने का एलान किया है. देश में विश्वस्तरीय गाड़ियां चलें, यह कौन नहीं चाहेगा! पर सवाल यह है कि देश में मौजूदा रेल नेटवर्क की जो बदहाली है, क्या उसमें भी सुधार होगा?
ट्रेनों में यात्रियों के आरामदेह सफर के लिए साफ-सफाई, सुरक्षा, डब्बों में पानी की उपलब्धता, समय पर परिचालन जैसी व्यवस्थाओं को सभी पूर्ववर्ती सरकारों ने भी सुधारने की घोषणाएं कीं, पर स्थिति ज्यों की त्यों बनी रही. देखना है इस सरकार की घोषणाओं में कितनी सच्चाई है. इस देश में विकास का ऐसा मॉडल चल रहा है जिसमें विषमता बढ़ती जा रही है. यह रेल बजट उसी व्यवस्था को मजबूत करता है. वर्तमान सुधार कर भविष्य बेहतर बनायें तो अच्छा हो.
बसंत हेतमसरिया, रामगढ