पाकुड़: जिले में निर्मल भारत अभियान अपने लक्ष्य से कोसों दूर है. एपीएल एवं बीपीएल परिवारों को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए बनाये जाने वाले व्यक्तिगत शौचालय निर्माण की स्थिति बेहद चिंताजनक है. वहीं आंगनबाड़ी केंद्रों में बनाये जाने वाले शौचालय के लक्ष्य को भी पेयजल स्वच्छता विभाग एवं ग्राम जल स्वच्छता समिति पूरा नहीं कर पायी है.
निर्मल भारत अभियान के तहत सूखा कचड़ा को घर घर से इकट्ठा कर निष्पादन करने को लेकर अब तक स्वयं सेवी संस्था का चयन भी नहीं हो पाया है. पेयजल स्वच्छता विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक इस अभियान के तहत जिले के 5976 बीपीएल एवं 3000 एपीएल लाभुकों के लिए व्यक्तिगत शौचालय निर्माण कराने का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2013-14 में निर्धारित किया गया था. व्यक्तिगत शौचालय निर्माण को लेकर ग्राम दल स्वच्छता समिति के खाते में राशि भी भेजी गयी, लेकिन लक्ष्य 8976 के विरुद्ध जून माह तक 489 शौचालय का ही निर्माण कराया जा सका है. इतना ही नहीं जिले के 100 आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय का निर्माण कराया जाना था और मात्र 54 शौचालय ही बन पाये हैं. निर्मल भारत अभियान की सफलता को लेकर दर्जनों स्वयं सेवी संस्थाओं को प्रचार प्रसार की भी जिम्मेवारी दी गयी, लेकिन शौचालय निर्माण के लिए लक्षित लाभुकों को आज तक शत प्रतिशत जागरूक नहीं किया जा सका. आज भी जिले के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में व्यक्तिगत शौचालय निर्माण नहीं होने के कारण लोगों को खुले में शौच करने को विवश होना पड़ रहा है.
क्या है प्रावधान
व्यक्तिगत शौचालय निर्माण के लिए 900 रुपये लाभुकों द्वारा दिया जाना है. 4600 रुपये पेयजल स्वच्छता विभाग एवं 5400 मनरेगा की राशि से दिये जाने का प्रावधान है. कुल 10,900 रुपये में एक व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण कराने का प्रावधान है.
क्या कहा कार्यपालक अभियंता ने
निर्मल भारत अभियान के तहत व्यक्तिगत शौचालय निर्माण के लिए ग्राम जल स्वच्छता समिति के खाते में राशि भेजी गयी है. शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने को लेकर विभाग प्रयासरत है. उक्त बातें कार्यपालक अभियंता पेयजल स्वच्छता विभाग रासबिहारी सिंह ने कही.