नयी दिल्ली: भारत को करारा झटका लगा है. शीर्ष शटलर और गत चैम्पियन साइना नेहवाल 23 जुलाई से शुरु होने वाले राष्ट्रमंडल खेल से हट गयी हैं. पिछले महीने आस्ट्रेलियाई ओपन सुपर सीरीज खिताबी जीत के दौरान नेहवाल के पैर पर छाले पड़ गये थे. पैर के छालों से उबरने में असफल नेहवाल ने ग्लास्गो प्रतियोगिता से हटने का फैसला किया.
निराश साइना ने कहा, यह बहुत मुश्किल फैसला है लेकिन यह अहम भी है. उन्होंने कहा, ऑस्ट्रेलिया में पहले राउंड के दौरान मुझे ग्रोइन चोट लग गयी थी और फिर मेरे पैर में ये छाले हो गये लेकिन फिर भी मैंने खिताब जीता. जब मैंने वापसी की तो मेरे पास ढाई हफ्ते थे लेकिन मैंने उबरने के लिये एक हफ्ते का समय लिया तो मुझे ट्रेनिंग के लिये मुश्किल से एक हफ्ता मिला. इसलिये मैंने हटने का फैसला किया है. यह मेरे लिये भी निराशाजनक है.
ऐसा माना जा रहा है कि यह ओलंपिक कांस्य पदकधारी घुटने की चोट से भी जूझ रही है. उन्होंने कहा कि बचे हुए सत्र के लिये फिट होने के लिये मुझे ग्लास्गो खेलों से हटने का फैसला लेना पडा क्योंकि इस सत्र में महत्वपूर्ण टूर्नामेंट जैसे विश्व चैम्पियनशिप और एशियाई खेल शामिल हैं.
साइना ने कहा, मैंने अभ्यास शुरु कर दिया था और मुझे उम्मीद है कि मैं अब भी जाकर खेल सकती हूं, लेकिन मैं खुद पर अधिक दबाव नहीं डालना चाहती थी. मैं दोबारा चोटिल होने का जोखिम नहीं लेना चाहती। मुझे बचे हुए पूरे सत्र के लिये फिट होना होगा.
आगे दो और महत्वपूर्ण और इतने ही बडे टूर्नामेंट आ रहे हैं – विश्व चैम्पियनशिप और एशियाई खेल. इसलिये मुझे फैसला करना पड़ा. उन्होंने कहा, इन बडे टूर्नामेंट में खेलने से पहले यह जानना कि आप शत प्रतिशत फिट हो, काफी अहम है. विशेषकर जब मैं अच्छा खेल रही हूं और मैंने एक टूर्नामेंट जीता है तो इससे भारत के लिये पदक जीतने के लिये मेरा मौका बढ़ जायेगा.
मौजूदा समय में दुनिया की सातवें नंबर की खिलाड़ी साइना ने 2010 राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान रोमांचक फाइनल में मलेशिया की वोंग म्यू चू को पराजित कर स्वर्ण पदक हासिल किया था. इस 24 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा, मैं जानती हूं कि राष्ट्रमंडल खेलों में मैं प्रबल दावेदार हूं. मैं गत चैम्पियन हूं लेकिन मुझे फिर भी खेलकर खिताब जीतने के लिये अपना शत प्रतिशत देना होगा. खेलों में यह मुश्किल होता है. भारत ने नयी दिल्ली में पिछले टूर्नामेंट में चार पदक जीते थे. साइना के महिला एकल में स्वर्ण पदक के अलावा ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा ने महिला युगल स्पर्धा में पीला तमगा हासिल किया था.
पारुपल्ली कश्यप ने पुरुष एकल में कांस्य पदक जीता था जबकि मेजबान टीम को टीम स्पर्धा में रजत पदक से संतोष करना पडा था. साइना के राष्ट्रमंडल खेलों से हटना भारत के लिये बडा झटका है क्योंकि बैडमिंटन खिलाड़ी इस बार कम से कम पांच पदक जीतने की उम्मीद लगाये थे, जिसमें पीवी सिंधु के पास महिला एकल और के श्रीकांत के पास पुरुष एकल में पोडियम स्थान हासिल करने का अच्छा मौका है.