बगदाद : इराक की संसद ने आज बैठक की लेकिन वह नई सरकार बनाने की ओर कोई प्रगति करने में नाकाम रही. इस बीच, उग्रवादियों ने अपने अभियान को फिर से तेज करते हुए बगदाद के उत्तर में अपनी स्थिति मजबूत की.
वैश्विक ताकतों और इराक के शीर्ष शिया धर्मगुरु ग्रांड अयातुल्लाह अली अल सिस्तानी ने सांसदों से अपने मतभेदों को भुलाने के लिए दबाव बनाया क्योंकि देश जेहादियों के संघर्ष का गवाह बन रहा है. लेकिन संसद के कार्यवाहक स्पीकर माहदी हाफिज ने आज के सत्र में घोषणा की, ‘‘विभिन्न पक्षों के बीच कोई समझौता नहीं हुआ है.’’ इस सत्र को मंगलवार तक स्थगित कर दिया गया.
ताजा गतिरोध ऐसे समय पैदा हुआ है जब स्पीकर के लिए एक उम्मीदवार पर सुन्नी अरब सांसदों के बीच समझौता होने की कल शाम घोषणा की गई थी. इस पद पर पारंपरिक रुप से अल्पसंख्यक समुदाय के किसी सदस्य को बैठाया जाता है और यह पद सरकार गठन की प्रक्रिया से पहले भरा जाना जरुरी है.संसद के संगठन ‘यूनाइटेड फार चेंज सुन्नी’ की ओर से जारी बयान में कहा गया कि डाक्टर सलीम अल जुबुरी को चुना गया है लेकिन उन्होंने संकल्प लिया कि निवर्तमान प्रधानमंत्री नूरी अल मलिकी को तीसरे कार्यकाल के लिए स्वीकार नहीं किया जाएगा.