पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज लोकसभा में पेश आम बजट को रेल बजट की तरह निराशाजनक बताया और आरोप लगाया कि बिहार जैसे ‘गरीब’ राज्यों की अनदेखी की गयी है.
नीतीश ने आम बजट को रेल बजट की तरह निराशाजनक बताया और कहा कि इसमें कोई नयापन एवं खास बात नहीं है. बजट में बिहार जैसे गरीब राज्यों की अनदेखी की गयी और इससे ‘अच्छे दिन’ आने के लक्षण नहीं दिखायी पड रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस आम बजट में ढेर सारी पुरानी बातें ही हैं. नया कुछ नहीं है. लोगों को आकर्षित करने वाली और उनके मन में उम्मीद जगाने वाली बात नहीं दिखती.
नीतीश ने कहा कि यह पहला बजट है और यह अवसर था कि वे आगे का नजरिया पेश करते और दृष्टिकोण सामने रख सकते थे. इस बजट से स्पष्ट होता है कि वे अपने वादों को याद रखने वाले नहीं है और जो मंहगाई की मार ङोल रहे हैं उसे अभी ङोलने के लिए विवश होंगे. उन्होंने कहा कि इस बजट से यही संदेश मिलता है कि उनको :भाजपा: सत्ता में आना था, आ गए और अब सब कुछ वैसा ही चलता रहेगा.
नीतीश ने कहा कि इस बजट में कुछ नयी घोषणाएं वित्त मंत्री ने जरुर की हैं, लेकिन उनकी क्या अर्थनीति होगी इसका स्पष्ट तौर पर संदेश नहीं मिलता है. नीतीश ने कहा कि बिहार जैसे राज्य जो अपने बलबूते कुछ करने का प्रयास कर रहे हैं उन्हें सहारा देने के लिए धनराशि तो दूर कोई शब्द भी उनके पास नहीं है.उन्होंने कहा कि कल केंद्र द्वारा आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया था, जिससे कुछ उम्मीद जगी थी. बिहार जैसे पिछडे राज्य का विकास दर एवं प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि के मामले में प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा है. वर्ष 2005-06 से लेकर 2011-12 तक के औसत पर नजर डाली जाये तो प्रदेश का विकास दर देश में सर्वाधिक रहा है.