नयी दिल्ली: सरकार का दावा है कि बाल श्रमिकों में कमी आयी है. सरकार ने जनगणना 2011 का हवाला देते हुए आज कहा कि देश में बाल श्रमिकों की संख्या में 65 प्रतिशत की कमी आयी है. उसने यह भी कहा कि बाल श्रम का उन्मूलन उसकी प्राथमिकता है.
रोजगार एवं श्रम राज्य मंत्री विष्णुदेव साय ने विजय गोयल और ईश्वरलाल शंकर जैन के विभिन्न सवालों के जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 2011 की जनगणना के अनुसार दिल्ली में 5 से 14 वर्ष आयु वर्ग के 26 हजार से अधिक बच्चे काम कर रहे थे. उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 में दिल्ली में करीब 808 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया था. इसी प्रकार 2012 में 709 बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया गया था.मंत्री ने कहा कि 2001 की जनगणना के अनुसार देश में बाल श्रमिकों की संख्या 1.26 करोड थी जो 2011 की जनगणना के अनुसार घटकर 43.53 लाख रह गयी. इस प्रकार इसमें 65 प्रतिशत की कमी आयी है. साय ने कहा कि बाल श्रम का उन्मूल विशेषकर खतरनाक कामों और प्रक्रियाओं में, सरकार की प्राथमिकता बनी रहेगी.