।। आनंद कुमार सिंह ।।
दो करोड़ की मुआवजा राशि दो वर्ष में बढ़ कर हुई 20 करोड़
आवास बोर्ड और मासूम अली के बीच लगभग 20 करोड़ से अधिक की मुआवजा राशि के भुगतान का मामला उलझता जा रहा है. निचली अदालत से ऊपरी अदालत तक बोर्ड अपना पक्ष रखने में नाकाम रहा है. सूत्रों के अनुसार बोर्ड के कुछ अधिकारियों ने निजी स्वार्थ की खातिर कोर्ट में न केवल अपना पक्ष जानबूझ कर कमजोर किया, बल्कि सही तथ्यों को भी बदल दिया.
कुछ वर्ष पूर्व बोर्ड के एक विधि पदाधिकारी जानबूझ कर ऊपरी अदालतों में केस हारने में खासे चर्चित रहे थे. भुगतान राशि को लेकर तीन वर्षो से बोर्ड और मासूम अली में ठनी हुई है. 2010 में बोर्ड ने मासूम अली को एक करोड़ 97 लाख, 98 हजार 560 रुपये का भुगतान कोर्ट के माध्यम से किया, लेकिन मासूम अली ने वर्तमान बाजार दर पर मुआवजे की मांग करते हुए 2011 में 18 करोड़ 10 लाख 57 हजार 512 रुपये का दावा ठोंक दिया. वर्तमान समय में यह राशि बढ़ कर 23 करोड़ से ज्यादा हो चुकी है.
इस मसले पर विवाद तब बढ़ा, जब पूर्व एमडी परमजीत कौर ने विधि परामर्शी के सुझाव को नजर अंदाज करते हुए महाधिवक्ता से मंतव्य मांगने की बजाये सीधे अजीत कुमार (एडिशनल-एडवोकेट जेनरल) से मंतव्य मंगा लिया. अजीत कुमार ने बोर्ड को तत्काल भुगतान का सुझाव दिया. इस संबंध में सरकार को भी मुआवजा भुगतान को लेकर कुछ गड़बड़ी की शिकायत मिली. सरकार ने बोर्ड के स्वविवेक पर मसला छोड़ दिया है. पूरा मामला हजारीबाग सरले स्थित आवासीय कॉलोनी की 10.40 एकड़ जमीन को लेकर है. बोर्ड के दस्तावेज में यह सरकारी जमीन है, जबकि मासूम अली इसे कोड़कर जमीन बता रहे हैं.