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अखिलेश सरकार में दिखा ‘यादवराज’

नयी दिल्ली:उत्तर प्रदेश में सिर्फराजनीति में ही जात-पात का बोलबाला नहीं है, बल्कियहां सरकारी नौकरियां भी जाति के आधार पर दी जा रही हैं. न्यूज चैनल ‘आज तक’ के स्टिंग ऑपरेशन इस धांधली को बेपर्दा किया गया है. इस स्टिंग में सामने आया है कि यूपीपीसीएस में एक जाति विशेष पर इंटरव्यू और कुछ हद […]

नयी दिल्ली:उत्तर प्रदेश में सिर्फराजनीति में ही जात-पात का बोलबाला नहीं है, बल्कियहां सरकारी नौकरियां भी जाति के आधार पर दी जा रही हैं. न्यूज चैनल ‘आज तक’ के स्टिंग ऑपरेशन इस धांधली को बेपर्दा किया गया है. इस स्टिंग में सामने आया है कि यूपीपीसीएस में एक जाति विशेष पर इंटरव्यू और कुछ हद तक लिखित परीक्षा में भी नंबर लुटाये गये हैं. यूपी में सपा की सरकार के दौरान एक खास जाति को तरजीह देने के आरोप कई बार लग चुके हैं. संसद और विधानसभा में मुलायम सिंह के परिवार के कई लोग हैं. सिर्फराजनीति में नहीं समाजवादी पार्टी के ‘वोट बैंक’ की तूती अब यूपी लोक सेवा आयोग में भी बोल रही है.

चैनल का दावा चैनल का दावा है कि उसके पास पास दस्तावेज हैं, जो जाहिर करते हैं कि किस तरह यूपी में एक खास जाति के नाम पर चुन-चुन कर उम्मीदवारों को इंटरव्यू बोर्ड तक पहुंचाया गया, फिर इंटरव्यू में उन पर जम कर नंबर लुटाये गये. पीसीएस के पूरे इम्तिहान और इंटरव्यू में यादव जाति के अभ्यर्थी ऊपर से नीचे तक छाये हैं. चैनल के मुताबिक, विकास धर और हिमांशु कुमार गुप्ता को इंटरव्यू में 102 और 115 नंबर मिले, लेकिन रागेश यादव पूरे 140 लेकर आगे निकल गये. अंकुर सिंह, विनीत सिंह और अभिषेक सिंह को लिखित परीक्षा में ज्यादा नंबर मिले हैं, लेकिन इंटरव्यू में 113, 115 पर ही वे सिमट गये, जबकि सुरेंद्र यादव लिखित परीक्षा में काफी पीछे हैं, लेकिन इंटरव्यू में 136 नंबर पाकर फाइनल लिस्ट में जगह बनाने में सफल रहे. चैनल का दावा है कि इंटरव्यू में जनरल कैटिगरी के बाकी उम्मीदवारों की योग्यता इंटरव्यू में दम तोड़ गयी. आम तौर पर जहां जनरल कैटगिरी के उम्मीदवारों को इंटरव्यू में 100-110 नंबर मिले हैं, वहीं यादव जाति के उम्मीदवारों को 140 के आसपास नंबर मिले हैं. चैनल का दावा है कि पिछड़े वर्ग में 86 उम्मीदवारों को चुना गया, जिसमें से 50 यादव जाति के थे.

खुफिया कैमरे पर दी जानकारी इलाहाबाद विश्रविद्यालय में हिंदी के विभागाध्यक्ष मुश्ताक अली लोक सेवा आयोग के इम्तिहानों में उम्मीदवारों का इंटरव्यू लेते रहे हैं. उन्होंने ही ने खुफिया कैमरे पर लोक सेवा आयोग की कलई खोल दी. वहीं, यूपी पीसीएस के सेक्र टरी अनिल कुमार यादव ने कहा है कि आयोग की कार्य प्रणाली पूरी तरह पारदर्शी है. उम्मीदवारों को योग्यता के हिसाब से अंक मिले हैं. इसे जाति या धर्म के चश्मे से देखना गलत है.

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